जौनपुर: अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो रूपाली सक्सेना की अदालत ने 8 वर्ष पुराने नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी को 7 वर्ष के कारावास और 15000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने इस अपराध में सहयोग करने वाली एक महिला को भी 5 वर्ष के कारावास और 5000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, बदलापुर थाना क्षेत्र की एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 5 जुलाई 2017 को सुबह करीब 6:30 बजे उसकी नाबालिग बेटी एक डॉक्टर से दवा लेने बाजार गई थी। जब वह दो घंटे बाद भी घर नहीं लौटी, तो उसकी तलाश शुरू की गई, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। महिला ने संदेह जताया था कि उनके गांव का ही रहने वाला अफसर अली अपनी बोलेरो गाड़ी से उसे जबरदस्ती भगा ले गया होगा, क्योंकि एक साल पहले स्कूल आते-जाते रास्ते में उसने उसकी बेटी के साथ बदतमीजी की थी।


शासकीय अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी और रमेश चंद्र पाल द्वारा पेश किए गए गवाहों के बयान और मामले से जुड़े सबूतों की जांच के बाद, अदालत ने आरोपी अफसर अली को लड़की के अपहरण और दुष्कर्म का दोषी पाया। इसके लिए उसे 7 साल की कैद और 15000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। वहीं, अपहरण में सहयोग करने वाली शहनाज अली को 5 साल की जेल और 5000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

Author: fastblitz24



