नई दिल्ली। कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को सांप्रदायिक वीडियो पोस्ट करने के मामले में बड़ी राहत दी है। जस्टिस राजा बसु की एकल पीठ ने गुरुवार (5 जून 2025) को शर्मिष्ठा को ज़मानत दे दी, लेकिन इसके साथ दो महत्वपूर्ण शर्तें भी रखीं। कोर्ट ने उन्हें देश छोड़ने पर रोक लगा दी है और 10 हज़ार रुपये का ज़मानत बॉन्ड भरने का निर्देश दिया है।

यह मामला शर्मिष्ठा पनोली द्वारा सोशल मीडिया पर कथित तौर पर सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले वीडियो पोस्ट करने से जुड़ा है। कोर्ट ने अपने फ़ैसले में स्पष्ट किया कि शर्मिष्ठा बिना मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) की अनुमति के देश से बाहर नहीं जा सकतीं। इसके अतिरिक्त, अदालत ने कोलकाता पुलिस को शर्मिष्ठा की सुरक्षा को लेकर उचित कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है, क्योंकि शर्मिष्ठा ने कोर्ट को बताया था कि उन्हें सोशल मीडिया पर धमकियाँ मिल रही हैं।
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सुनवाई के दौरान पीठ ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा, “हमें अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता है। इसका मतलब यह नहीं कि आप किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचा सकते हैं। किसी भी व्यक्ति को ऐसी टिप्पणी करते समय सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि हमारे देश में विभिन्न समुदाय, जाति और धर्म के लोग साथ में रहते हैं।” अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सज़ा सात साल से कम भी हो, तो पुलिस को किसी को भी गिरफ़्तार करने का पूरा अधिकार है। इस फ़ैसले से एक बार फिर सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले पोस्ट को लेकर न्यायपालिका की गंभीरता सामने आई है।

Author: fastblitz24



