जौनपुर: जौनपुर में किसानों को सहफसली खेती से आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ी सफलता मिल रही है। उद्यान विभाग की ‘राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत रफ्तार पान विकास योजना’ के तहत पान की खेती करने वाले किसान परवल और कुंदरू जैसी फसलों को साथ में उगाकर अपनी आय को दोगुना कर रहे हैं। यह पहल किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।
रामजनक बने प्रेरणास्रोत: एक बीघा में ₹1.5 लाख तक का मुनाफा

जिला उद्यान अधिकारी डॉ. सीमा सिंह राणा ने बताया कि इस योजना के तहत पान की खेती करने वाले किसानों को अनुदान प्रदान किया जाता है। ग्राम कोल्हुआ, विकासखंड महराजगंज के निवासी रामजनक पुत्र नन्हकू इस सफलता के एक प्रमुख उदाहरण हैं। वे पिछले दो साल से पान की खेती कर रहे हैं और बताते हैं कि महीने में ₹12-15 हजार तक का पान आसानी से बिक जाता है।
रामजनक ने पान के साथ ही परवल और कुंदरू की सहफसली खेती को अपनाया है। उनके अनुसार, एक बीघा की खेती में लगभग ₹50 हजार की लागत आती है, जबकि मुनाफा ₹1 लाख से ₹1.5 लाख तक हो जाता है। पान की खेती के लिए बरेजा (बांस की लकड़ी से बना ढांचा) सबसे महत्वपूर्ण होता है।
रामजनक ने उद्यान विभाग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विभाग द्वारा समय-समय पर मिले तकनीकी मार्गदर्शन से उन्हें पान की खेती से शुद्ध लाभ प्राप्त करने में मदद मिली है। उन्होंने बताया कि पारंपरिक खेती की तुलना में पान की सहफसली खेती से उन्हें काफी अच्छा मुनाफा हुआ है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है।
छोटे किसानों को भी मिलेगा लाभ, अनुदान में बढ़ोतरी
डॉ. सीमा सिंह राणा ने आगे बताया कि पहले इस योजना में 1000 वर्ग मीटर में खेती करने पर लागत का 50 प्रतिशत, यानी ₹50,453 का अनुदान दिया जाता था। लेकिन अब छोटे किसान भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं। 250 वर्ग मीटर से 1000 वर्ग मीटर में भी अनुदान की सुविधा उपलब्ध है। इच्छुक किसान अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस में जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। यह योजना वास्तव में कृषक भाइयों के लिए एक अत्यंत लाभकारी साबित हो रही है।

Author: fastblitz24



