जौनपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. लक्ष्मी सिंह ने बताया कि 03 मार्च 2025 को “विश्व श्रवण दिवस” के उपलक्ष्य में एक विशाल जन-जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इस रैली को मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नोडल अधिकारी एनपीपीसीडी कार्यक्रम डा. राजीव कुमार एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बी. सी. पंत द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस रैली में कुंवर हरिवंश सिंह पैरामेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में एक गोष्ठी का आयोजन सभागार कक्ष में किया गया। इस वर्ष की थीम “Changing mindsets: Empower yourself to make ear and hearing care a reality for all!” पर चर्चा की गई।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि विश्व स्तर पर हर साल 3 मार्च को बहरेपन और सुनने की हानि की रोकथाम तथा कान व सुनने की क्षमता की देखभाल को बढ़ावा देने के लिए विश्व श्रवण दिवस मनाया जाता है।
नोडल अधिकारी एनपीपीसीडी कार्यक्रम ने बताया कि बहरापन केवल बढ़ती उम्र की समस्या नहीं बल्कि बचपन से ही शुरू हो सकती है। विश्वभर में लगभग 466 मिलियन लोग बहरेपन की समस्या से जूझ रहे हैं, जिनमें से 34 मिलियन बच्चे हैं। आंकड़ों के अनुसार, हर 1000 में से 1 बच्चा जन्मजात सुनने की दुर्बलता के साथ पैदा होता है, जबकि 60 प्रतिशत मामलों में इसे रोका जा सकता है।
उन्होंने बताया कि कान की सुनने की सामान्य क्षमता 80 डेसिबल होती है, लेकिन तेज आवाज में संगीत सुनना, अधिक शोर वाले स्थानों पर काम करना और संक्रमण या दवाइयों के दुष्प्रभाव के कारण सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, पर्दे में छेद, मस्तिष्क की हड्डी गलना, कान में तरल पदार्थ भरना, वैक्स जमना, सिर या कान पर चोट लगना आदि भी सुनने की क्षमता को प्रभावित करने वाले मुख्य कारण हैं।
इस अवसर पर जयप्रकाश गुप्ता, अमित सिंह, धीरज यादव, विवेक मौर्या, कुलदीप श्रीवास्तव सहित स्वास्थ्य विभाग के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। गोष्ठी में बहरापन रोकथाम, सुनवाई हानि के कारण एवं समाधान पर विस्तृत चर्चा की गई।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों को सुनने की क्षमता की देखभाल के प्रति जागरूक करना और समय पर इलाज कराने के लिए प्रेरित करना था।

Author: fastblitz24



