स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी से फल-फूल रहे हैं अवैध अस्पताल
जौनपुर। जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीणांचल तक गैर मान्यता प्राप्त अस्पताल धड़ल्ले से चल रहे हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जिम्मेदार निश्चित रूप से हैं। मुख्यालय पर कुछ ऐसे नर्सिंग होम चल रहे हैं जहां प्रशिक्षित चिकित्सक का नाम साइनबोर्ड पर है किन्तु उपचार कोई और कर रहा है। शहर के रसूलाबाद से लेकर सुक्खीपुर मोड़ और कलीचाबाद में इस तरह के अस्पताल संचालित हो रहे हैं। उक्त चिकित्सालयों पर चिकित्सक से लेकर वार्ड ब्वाय अप्रशिक्षित बताये जाते हैं। शहर जहां पर प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी बैठे हैं यहां जब इस ढंग से नर्सिंग होम चल रहे हैं तो ग्रामीणांचल की स्वास्थ्य व्यवस्था का अंदाजा आप सहज ही लगा सकते हैं। जिले के तहसील मुख्यालयों से लेकर बड़े बाजारों में प्रशिक्षित चिकित्सक की संख्या कम झोलाछाप चिकित्सकों की भरमार है। शहर से लेकर ग्रामीणांचल में कुछ ऐसे नर्सिंग होम चल रहे हैं जहां मानदेय पर प्रशिक्षित चिकित्सक फोन द्वारा बुलाकर इलाज कराया जा रहा है। चिकित्सक के आने के बाद मरीज जो भर्ती किया गया है उसका उपचार वार्ड ब्वाय या नर्सों द्वारा किया जाता है। इसी बीच में अगर मरीज की हालत खराब हुई तो मरीज को जान से हाथ धोना भी पड़ता है। समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग खानापूर्ति करने के लिए छापेमारी करता है फिर भी ऐसे अस्पतालों पर अंकुश नहीं लग रहा है। मछलीशहर, मडिय़ाहूं, बदलापुर, शाहगंज, केराकत, गौराबादशाहपुर के अलावा जिले की प्रमुख बाजारों मुफ्तीगंज, चंदवक, रामपुर बरसठी, मीरगंज, सिकरारा, सुजानगंज में कथित नर्सिंग होम धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं।