इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक को दिया आदेश
जौनपुर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर को दिवंगत सहायक अध्यापिका की विवाहित पुत्री को अनुकंपा आधार पर नियुक्ति दिए जाने के मामले में विचार कर निर्णय लेने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि विवाहित पुत्री को अनुकंपा नियुक्ति के लिए योग्य करार देने संबंधी विमला श्रीवास्तव केस तथा यूपी गवर्नमेंट सर्वेंट डाईंग इन हार्नेस रूल्स 1974 में किए गए संशोधन पर विचार करते हुए याची को अनुकंपा नियुक्ति देने के संबंध में निर्णय लिया जाए. जौनपुर की अंकिता श्रीवास्तव की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने यह आदेश दिया। याची अंकिता श्रीवास्तव के अधिवक्ता घनश्याम मौर्य ने कोर्ट में दलील दी कि याची की मां शिव मूर्ति बालिका इंटर कॉलेज केराकत जौनपुर में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत थीं। यह कॉलेज इंटरमीडिएट तक मान्यता प्राप्त है लेकिन अध्यापिका की सेवाकाल में उनकी मृत्यु हो गई। अध्यापिका की विवाहित पुत्री ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था लेकिन उसका आवेदन निरस्त कर दिया गया। इसके बाद याची ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की जिसपर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने याची की अनुकंपा नियुक्ति पर विचार कर निर्णय लेने का आदेश दिया है। इसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक ने याची का प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया. जिसे दोबारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। अधिवक्ता का कहना था कि विमला श्रीवास्तव केस के निर्णय के बाद यूपी गवर्नमेंट सर्वेंट डाईंग इन हार्नेस रूल्स में संशोधन करके विवाहित और अविवाहित पुत्री के बीच के अंतर को समाप्त कर दिया गया है जबकि सरकारी अधिवक्ता का कहना था कि याची की माता की मृत्यु के समय यह संशोधन लागू नहीं था। संशोधन 24 नवंबर 2022 को लागू हुआ है इसलिए याची इस संशोधन का लाभ पाने की हकदार नहीं है। दूसरे यह कि याची को यह साबित करना होगा कि उसकी आर्थिक जरूरतें व निर्भरता अभी तक बरकरार है. इस पर कोर्ट ने मामला जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर को वापस भेजते हुए निर्देश दिया है कि वह विमला देवी केस के निर्णय, नियमावली वा एक्ट में किए गए संशोधन तथा याची की आर्थिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उसे अनुकंपा नियुक्ति देने पर 3 माह के भीतर नए सिरे से विचार करें।