जौनपुर: स्थानीय बाजार में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन बुधवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। अयोध्या धाम से पधारे श्रीमद्भागवत कथा वाचक निर्मल शरण जी महाराज ने कथा के दौरान सनातन धर्म की महिमा का बखान किया और श्रद्धालुओं को इसके संरक्षण का संकल्प दिलाया।
निर्मल शरण जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि सनातन धर्म ही एकमात्र धर्म है, शेष सभी पंथ हैं। इसलिए सनातन धर्म की रक्षा करना आवश्यक है। उन्होंने कृष्णावतार की कथा सुनाते हुए कहा कि नारद जी बताते हैं— “जो मनुष्य श्रद्धा और भक्ति भाव से केवल ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ का जाप करता है, वह न केवल भगवान के दर्शन करता है, बल्कि भवसागर से भी पार हो जाता है।”

उन्होंने गुरु के महत्व को बताते हुए कहा कि गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है और बिना गुरु के कल्याण संभव नहीं। गुरु ही जीवात्मा को परमात्मा से मिलाने का मार्ग दिखाता है।
निर्मल शरण महाराज ने कहा कि किसी कुल में अगर एक भी व्यक्ति भगवान का भक्त बन जाता है, तो उसके गृहस्थ जीवन की 21 पीढ़ियां और विरक्त संत की 14 पीढ़ियां तर जाती हैं।
उन्होंने महिलाओं से अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने की अपील करते हुए कहा कि प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ बच्चों से जरूर करवाएं।
कथा के दौरान आचार्य पंडित राजेंद्र महाराज समेत अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे। मुख्य यजमान डॉ. पारसनाथ निगम, श्रीमती सिद्धा देवी, रामनाथ निगम, डॉ. अजय निगम, श्रीमती नीलम सिंह, पूनम निगम, सुभाष उपाध्याय, गोरखनाथ निगम, जगदीश निगम, रिंकू निगम, रामबाबू निगम, अमन निगम, कृष्णा निगम, मनमोहन सेठ, हेमंत सेठ, अंकित जायसवाल, मनीष, विनय जायसवाल, अशोक जायसवाल सहित सैकड़ों श्रद्धालु श्रीमद्भागवत कथा के अमृतमय प्रवचन का लाभ उठाने पहुंचे।
कथा का आयोजन पूरे विधि-विधान से किया जा रहा है और अगले तीन दिनों तक यह आयोजन जारी रहेगा।

Author: fastblitz24



