जौनपुर (बक्शा): बक्शा रेलवे स्टेशन पर शटल एक्सप्रेस और मेमो ट्रेनों के ठहराव, तथा सराय हरखू रेलवे स्टेशन पर फरक्का और गंगा जमुना एक्सप्रेस के ठहराव की मांग को लेकर अमरनाथ साथी द्वारा ग्रामीणों के साथ शुरू किया गया आमरण अनशन तीसरे दिन भी जारी रहा। शासन की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने से आंदोलनकारियों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। जौनपुर-बदलापुर के बीच किसी भी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव न होने से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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यह आमरण अनशन 13 तारीख से बक्शा ब्लॉक में स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने शुरू हुआ था। अनशनकारी अमरनाथ साथी के स्वास्थ्य की जांच के लिए मेडिकल टीम लगातार मौके पर मौजूद है, और बीच-बीच में उनका स्वास्थ्य खराब भी हो जा रहा है। इसके बावजूद, वे अपनी मांगों को लेकर दृढ़ता से डटे हुए हैं।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि अनशन के तीसरे दिन भी प्रशासनिक स्तर से कोई भी अधिकारी मौके पर उपस्थित नहीं हुआ है, जिससे ग्रामीणों में और भी अधिक नाराजगी बढ़ गई है। उनकी उपेक्षा ने आंदोलन को और तेज कर दिया है।
इस आंदोलन को युवा उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश कोषाध्यक्ष और जौनपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष संतोष अग्रहरि का पूर्ण समर्थन मिला है। उन्होंने अमरनाथ साथी के इस प्रयास की सराहना की और अपनी एकजुटता व्यक्त की।
मौके पर मौजूद अन्य प्रमुख लोगों में बक्शा प्रधान पुत्र अरुण कुमार मौर्या (मुन्ना), पवन अग्रहरि, संतोष गुप्ता, डिंपू, डॉ. प्रमोद कुमार सैनी (हर्षिता इंटरनेशनल दिव्यांग स्कूल, बक्शा), अखिलेश उपाध्याय, गुड्डू सिंह, संतोष सिंह, हरिनाथ यादव, अवनीश उपाध्याय, जिलेदार यादव, विनय उपाध्याय, जोखन मौर्या, अमन साथी, मखंचू गौतम, सलमान शेख, नीरज सिंह, शिवन सिंह और विकास मौर्या आदि शामिल रहे। इन सभी की उपस्थिति ने आंदोलन को और मजबूत किया है।
ग्रामीणों का कहना है कि वे तब तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे जब तक उनकी मांगें मान नहीं ली जातीं और संबंधित ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित नहीं हो जाता।

Author: fastblitz24



