नई दिल्ली/रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के पास रविवार (15 जून, 2025) को एक बड़ा हेलीकॉप्टर हादसा हो गया। केदारनाथ से गुप्तकाशी जा रहा यह हेलीकॉप्टर गौरीकुंड और त्रियुगीनारायण के बीच केदारघाटी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें आग लग गई। इस हादसे में हेलीकॉप्टर में सवार सभी सात लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है, जिसमें एक 10 वर्षीय बच्चा भी शामिल है। बद्री-केदार मंदिर समिति के प्रमुख हेमंत द्विवेदी ने इस बात की पुष्टि की है। यह पिछले लगभग 40 दिनों में उत्तराखंड में पांचवीं हेलीकॉप्टर दुर्घटना है।

दुर्घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन और अन्य बचाव दल तुरंत राहत और बचाव कार्यों में जुट गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दुखद खबर पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने बताया कि आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित यह हेलीकॉप्टर सुबह 05:10 बजे गुप्तकाशी से उड़ान भरकर 05:18 बजे श्री केदारनाथ जी हेलीपैड पर उतरा था। इसके बाद, यह 05:19 बजे गुप्तकाशी के लिए फिर से रवाना हुआ और गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
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डीजीसीए ने एहतियाती उपाय के तौर पर पहले ही चार धाम के लिए हेलीकॉप्टर संचालन की आवृत्ति कम कर दी थी। एजेंसी ने कहा कि वह बढ़ी हुई निगरानी कर रही है और आगे की कार्रवाई के लिए संचालन की समीक्षा कर रही है। इस दुर्घटना की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जाएगी।
इस हेलीकॉप्टर दुर्घटना के मद्देनजर मुख्यमंत्री धामी ने एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्धन, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन सचिव सचिन कुर्वे, आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन, उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण और डीजीसीए के अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में हेलीकॉप्टर संचालन के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर सेवाओं के संचालन के लिए एक सख्त एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार की जानी चाहिए, जिसमें हेलीकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की पूरी जांच अनिवार्य हो। हेलीकॉप्टर संचालन से पहले मौसम की स्थिति की भी जांच की जानी चाहिए।
मुख्य सचिव को तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का निर्देश दिया गया है, जो हेलीकॉप्टर संचालन के सभी तकनीकी और सुरक्षा पहलुओं की गहन समीक्षा के बाद एसओपी तैयार करेगी। यह समिति सुनिश्चित करेगी कि हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन पूरी तरह से सुरक्षित, पारदर्शी और निर्धारित मानकों के अनुसार हो।
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी निर्देश दिया कि अतीत में राज्य में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं की जांच के लिए गठित उच्च-स्तरीय समिति रविवार की दुर्घटना के साथ-साथ पिछली सभी दुर्घटनाओं के हर पहलू की गहन जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। यह समिति प्रत्येक घटना के कारणों की गहराई से जांच करेगी, दोषी व्यक्तियों या संस्थानों की पहचान करेगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हेलीकॉप्टर सेवाओं का महत्व तीर्थयात्रा, आपदा प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं के लिए बहुत अधिक है, इसलिए इनमें सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

Author: fastblitz24



