जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल समेत 26 निहत्थे पर्यटकों की बर्बर हत्या कर दी गई। हमले के बाद शोक में डूबे परिजनों ने मृतकों को शहीद का दर्जा देने की मांग की है। हमले के महज छह दिन पहले शादी करने वाली हिमांशी नरवाल के लिए यह एक बेहद दर्दनाक क्षण था, लेकिन उन्होंने पूरे देश से शांति और सौहार्द बनाए रखने की भावुक अपील की है।
‘हम सिर्फ न्याय चाहते हैं, नफरत नहीं’
हरियाणा के करनाल में मीडिया से बातचीत में हिमांशी ने कहा, “हम नहीं चाहते कि लोग मुस्लिमों या कश्मीरियों के खिलाफ जाएं। हम सिर्फ शांति चाहते हैं… हां, हमें न्याय भी चाहिए, लेकिन हिंसा नहीं।” हिमांशी ने अपने पति को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए देशवासियों से संयम और एकता बनाए रखने की गुज़ारिश की।

कब और कैसे हुआ हमला
यह भयावह आतंकी वारदात मंगलवार दोपहर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ के पास हुई। आतंकियों ने पर्यटकों पर अचानक गोलियां बरसाई, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक भी शामिल हैं।
घटना पर क्या बोले मुख्यमंत्री
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले को “हाल के वर्षों में आम नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा हमला” बताया। अधिकारियों का कहना है कि यह हमला उस वक्त हुआ जब अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर थे और घाटी में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही थी।
घाटी फिर से दहली, उठी सुरक्षा सवालों की गूंज
घटना स्थल पहलगाम से करीब छह किलोमीटर दूर बैसरन नामक पर्यटक स्थल है, जो अपने घास के मैदान, घने चीड़ के जंगल और हिमालय की चोटियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं। 74 महीनों बाद इस तरह का बड़ा हमला घाटी की सुरक्षा तैयारियों पर सवाल खड़े करता है।

Author: fastblitz24



