वाराणसी: काशी की आन, बान और शान रहे हिंदी और भोजपुरी के अप्रतिम रचनाकार पं. हरिराम द्विवेदी की जयंती पर बुधवार को उनका स्मरण किया गया। पं. हरिराम द्विवेदी भोजपुरी साहित्य शोध न्यास की ओर से महमूरगंज स्थित मोतीझील परिसर में समारोह का आयोजन किया गया
मुख्य अतिथि बसंत कन्या महाविद्यालय में संगीत की शिक्षिका प्रो. मीनू पाठक रहीं। समारोह की अध्यक्षता गीतकार पं. सूर्य कुमार मिश्र ने की। सारस्वत अतिथि एनसीएल के पर्यावरण सलाहकार मनमोहन मिश्र रहे। विशिष्ट अतिथि महेंद्र तिवारी, गिरीश पांडेय एवं मोतीझील के अधिष्ठाता अशोक गुप्त रहे।
आयोजन के पहले सत्र में दो वरिष्ठ साहित्यकारों कवि मनमोहन मिश्र एवं गीतकार अरविंद मिश्र हर्ष को पं. हरिराम द्विवेदी साहित्य सम्मान प्रदान किया गया। न्यास से जुड़े अशोक गुप्त, रामानंद तिवारी सहित अतिथियों ने दोनों साहित्यकारों को सम्मान स्वरूप मानपत्र और अंगवस्त्रम भेंट किया।

- मुख्य अतिथि प्रो. मीनू पाठक ने कहा कि पं. हरिराम द्विवेदी ने अपने कृतित्व से न सिर्फ भोजपुरी बल्कि हिंदी साहित्य को भी समृद्ध किया है।
- वरिष्ठ गीतकार पं. सूर्यकुमार मिश्र ने कहा कि हरि भैया जमीन से जुड़े एक ऐसे साहित्यकार थे जिन्होंने लोक संस्कृति को नवीन ऊंचाई प्रदान की।
- मनमोहन मिश्र ने कहा कि हरि भैया जितनी सहजता और सरलता से कविताओं में अपनी बात कहते थे वह व्यवहारिक जीवन में भी उतने ही सरल और सहज थे।
काव्यपाठ:
चर्चा सत्र के बाद काव्यपाठ का आयोजन हुआ। इसमें नगर के प्रतिष्ठित रचनाकारों ने काव्यपाठ किया।
पद्म सम्मान की मांग:
जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने पं. हरिराम द्विवेदी को पद्म पुरस्कार देने की मांग की है।

Author: fastblitz24



