नई दिल्ली : अमेरिका दौरे पर गए पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ने अमेरिका और खासकर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर सवाल उठाकर एक नया कूटनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है. बिलावल का दावा है कि पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद के पीछे अमेरिका की नीतियां और अफगानिस्तान से उनकी जल्दबाजी में वापसी जिम्मेदार है. उनके इस बयान से जहां एक ओर पाकिस्तान में आतंकवाद के मुद्दे पर उसकी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अमेरिका के साथ उसके संबंधों में भी तनाव बढ़ने की आशंका है.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अमेरिका में अपने मुल्क का पक्ष रखने पहुंचे बिलावल भुट्टो ने अमेरिकी नीतियों पर ही प्रश्न उठाए हैं. बिलावल भुट्टो ने कहा है कि पाकिस्तान में आतंकवाद की घटनाएं बढ़ने के लिए अमेरिका की नीतियां जिम्मेदार हैं. अपने बयान में उन्होंने अफगानिस्तान को लेकर अमेरिका के उस फैसले की ओर इशारा किया जिसे 2020 में डोनाल्ड ट्रंप ने लिया था. बिलावल ने कहा कि जिस तरह से अमेरिका अफगानिस्तान से हड़बड़ी में बाहर निकला है, उस दौरान कई संवेदनशील हथियार अफगानिस्तान में ही छूट गए. बिलावल का दावा है कि ये हथियार अब आतंकी समूहों के हाथ लग गए हैं और आतंकी इन हथियारों का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ कर रहे हैं, जिससे पाकिस्तान को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
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आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की कथित मुहिम पर बिलावल भुट्टो के इस बयान से अमेरिका और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव एक बार फिर से बढ़ सकता है. बिलावल ने साफ कहा है कि अमेरिका और उस क्षेत्र की भू-राजनीतिक स्थितियां पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती बन गई हैं. बिलावल भुट्टो ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अधिक क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर जोर दिया, मगर अपनी आदत के मुताबिक ही बिलावल ने इस मुद्दे को नहीं उठाया कि इस पूरे क्षेत्र में आतंकवाद को खाद-पानी देने में पाकिस्तान का क्या रोल रहा है. बिलावल ने पड़ोस में इस्लामी आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तान की भूमिका को स्वीकार नहीं किया, बल्कि अफगानिस्तान में छूटे अमेरिकी हथियारों को ही सारा दोष दिया.



Author: fastblitz24



