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लॉस एंजिल्स में ‘तानाशाह’ ट्रंप का तांडव: हिंसा और प्रदर्शन से जल उठा शहर, भड़के गवर्नर न्यूसम

अमेरिका: अमेरिका में अवैध अप्रवासियों को बाहर निकालने का राष्ट्रपति ट्रंप का चुनावी वादा अब लॉस एंजिल्स को हिंसा और अराजकता की आग में झोंक रहा है. कभी ट्रंप के गढ़ रहे इस शहर में अब उन्हीं की नीतियों के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जहां सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच सीधा टकराव देखने को मिल रहा है. ट्रंप के आलोचक इसे ‘तानाशाही’ कार्रवाई करार दे रहे हैं, वहीं राष्ट्रपति इसे ‘कानून और व्यवस्था’ बनाए रखने की सख्त जरूरत बता रहे हैं.

लॉस एंजिल्स पिछले कई दिनों से उथल-पुथल की स्थिति में है. 6 जून से शुरू हुए ये प्रदर्शन अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) द्वारा शहर में बड़े पैमाने पर की गई छापेमारी और अवैध प्रवासियों की गिरफ्तारी के खिलाफ हैं. ICE ने शुक्रवार को फैशन डिस्ट्रिक्ट और कॉम्पटन जैसे इलाकों में 118 लोगों को हिरासत में लिया, जिसके बाद लैटिनो समुदायों में आक्रोश भड़क उठा और हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. प्रदर्शनकारियों ने 101 फ्रीवे को अवरुद्ध कर दिया, वाहनों में आग लगा दी और सरकारी इमारतों पर हमला किया. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में आंसू गैस, रबर बुलेट और फ्लैश-बैंग ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया. ये विरोध प्रदर्शन ट्रम्प प्रशासन की सख्त इमिग्रेशन नीतियों के खिलाफ हैं, जिन्हें प्रदर्शनकारी “आतंक फैलाने” वाला मानते हैं.

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ट्रंप की कठोर नीतियां और बढ़ती अराजकता
डोनाल्ड ट्रम्प ने 2024 में अपने चुनावी अभियान में बड़े पैमाने पर डिपोर्टेशन का वादा किया था, जिसमें उनका लक्ष्य रोजाना 3,000 अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार कर उन्हें बाहर भेजना था. इसमें अमेरिका-मेक्सिको सीमा को बंद करने का लक्ष्य भी शामिल था. ट्रम्प ने “अवैध आप्रवासियों की घुसपैठ” को रोकने के लिए कठोर कार्रवाई का ऐलान किया, जिसमें कार्यस्थलों और संवेदनशील स्थानों जैसे कोर्टहाउस पर छापेमारी शामिल थी. उन्होंने कैलिफोर्निया जैसे डेमोक्रेटिक राज्यों की अवैध आप्रवासियों को पनाह देने की “सैंक्चुअरी” नीतियों को देश के लिए खतरा बताया. शुक्रवार को एक ही ऑपरेशन में 44 अनधिकृत अप्रवासियों को गिरफ्तार किया गया, और उसी दिन ग्रेटर LA इलाके में 77 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया. छापे के बाद, डाउनटाउन LA में फ़ेडरल बिल्डिंग विरोध प्रदर्शनों का केंद्र बन गई, क्योंकि लोगों को यह पता चल गया था कि कथित तौर पर बंदियों को वहां रखा गया था.

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Author: fastblitz24

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