आगरा। ईद-उल-अज़हा (बकरीद) के पावन पर्व के करीब आते ही आगरा के मंटोला स्थित बकरा बाज़ार में रौनक चरम पर है। पिछले चार दिनों में सात करोड़ रुपये से अधिक के बकरे बिक चुके हैं, जो इस बार त्योहार के उत्साह को दर्शाता है। बाज़ार में 15 से 25 हज़ार रुपये वाले बकरों की सर्वाधिक मांग है, वहीं अब तक 5 हज़ार से ज़्यादा बकरे बिक चुके हैं।

मंटोला के सदर भट्टी चौराहे के बीच रात आठ बजे के बाद से पशु व्यापारी मेटाडोर में बकरे लेकर पहुँच रहे हैं। देर रात दो बजे तक बाज़ार में पशु व्यापारियों और खरीदारों की भारी भीड़ उमड़ रही है। कागारौल के चाँद कुरैशी, एत्मादपुर के बबलू और शमसाबाद के पशु व्यापारी अंसार ने बताया कि बाज़ार में 12 हज़ार से लेकर एक लाख रुपये तक के बकरे बिक्री के लिए आ रहे हैं। हालाँकि, 15 से 25 हज़ार रुपये के बकरों की सबसे ज़्यादा माँग है, जबकि 30 से 40 हज़ार रुपये वाले बकरों के खरीदार अपेक्षाकृत कम हैं। अछनेरा, किरावली, कागारौल और खेरागढ़ जैसे क्षेत्रों से भी पशु व्यापारी अपने बकरे लेकर यहाँ पहुँच रहे हैं।
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इस बीच, बाज़ार में अब तक का सबसे महँगा बकरा सवा लाख रुपये में बिका है। इसे मंटोला के सोल कारोबारी हाजी अंसार ने दो दिन पहले खरीदा था। कुछ पशु व्यापारियों द्वारा बकरों को बेसन का घोल पिलाकर उनका वजन बढ़ाने की बात भी सामने आई है, ताकि वे तंदुरुस्त दिखें और उनका मूल्य अच्छा मिल सके। हालांकि, ज़्यादा मात्रा में बेसन का घोल पिलाने से बकरों की सेहत भी खराब हो सकती है।
हिंदुस्तानी बिरादरी संस्था के अध्यक्ष और कबीर पुरस्कार से सम्मानित डॉ. सिराज कुरैशी ने बकरीद को लेकर साफ-सफाई बनाए रखने पर जोर दिया है। उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील की है कि कुर्बानी सार्वजनिक स्थलों पर न करें और इस बात का विशेष ध्यान रखें कि किसी को असुविधा न हो। उन्होंने यह भी कहा कि कुर्बानी का माँस या अंग एक स्थान से दूसरे स्थान तक कपड़े में ढककर ही ले जाएँ, और नालियों में खून जमा न हो, इसके लिए तुरंत पानी डालकर साफ करें। यह ध्यान दिलाया गया कि ईद-उल-अज़हा 7 जून को है और कुर्बानी सात, आठ और नौ जून को की जाएगी। बैठक में विशाल शर्मा, विजय उपाध्याय, ज़ियाउद्दीन, राजकुमार नागरथ, मोहम्मद शरीफ काले और इमरान सहित कई लोग उपस्थित रहे।

Author: fastblitz24



