आजमगढ़ (हमीरपुर, फूलपुर)। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे हमीरपुर, फूलपुर, आजमगढ़ में बुधवार को पूर्वांचल किसान यूनियन, सोशलिस्ट किसान सभा और NAPM (नेशनल एलायंस ऑफ पीपल्स मूवमेंट्स) के संयुक्त तत्वावधान में एक विशाल किसान पंचायत का आयोजन किया गया। इस पंचायत में किसानों ने अपनी ज़मीन और अधिकारों के लिए हुंकार भरी।

पूर्वांचल किसान यूनियन के महासचिव वीरेंद्र यादव ने इस अवसर पर स्पष्ट किया कि यह किसान पंचायत ग्राम सभा के विरोध के बावजूद एक निजी कंपनी द्वारा बायो सीएनजी प्लांट लगाने के सवाल पर आयोजित की गई है। उन्होंने सरकार पर पूंजीपतियों के साथ मिलकर किसानों और ग्राम सभा की ज़मीनों को हड़पने का आरोप लगाया। वीरेंद्र यादव ने दो टूक शब्दों में कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे का किसान अब एक इंच भी ज़मीन देने को तैयार नहीं है, और सरकार को यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए।
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सोशलिस्ट किसान सभा के महासचिव राजीव यादव ने किसानों की दुर्दशा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बन चुका है और टोल वसूली भी चालू है, लेकिन आज तक बहुत से किसानों को उनकी ज़मीन का मुआवज़ा तक नहीं मिला है। उन्होंने दुख व्यक्त किया कि जिन भूमिहीनों को पट्टे की ज़मीन मिली थी, उसे भी एक्सप्रेस-वे रूपी ‘विकास’ ने छीनकर उन्हें फिर से भूमिहीन बना दिया है। राजीव यादव ने ज़ोर देकर कहा कि “जो विकास हमको भूमि के मालिक से भूमिहीन बना दे, वह विकास नहीं, विनाश है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विकास के नाम पर ग्राम सभा की ज़मीनों को सरकारी ज़मीन बताकर छीना जा रहा है। औद्योगिक पार्क और कंपनियों के नाम पर हो रहे रोज़ाना के सर्वे और ज़मीन छीनने के खेल ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। उन्होंने सरकार को यह समझने की सलाह दी कि किसानी से ज़्यादा रोज़गार कोई नहीं दे सकता और बहुफसली खेती वाली ज़मीनों के बीच किसी भी प्रकार का उद्योग खेती को नुकसान पहुँचाएगा, जिससे भूमि, जल, पर्यावरण और जीवन सब संकट में पड़ जाएँगे।
राष्ट्रीय बांस शिल्पी महासंघ के अध्यक्ष संतोष धरकार ने किसान पंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी प्लांट ज़मीन के जल का दोहन करेगा, तो आस-पास के जलस्तर पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि यदि वह सचमुच विकास करना चाहती है, तो भूमिहीनों को ज़मीन प्रदान करे।

Author: fastblitz24



