मॉस्को: रूस ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है कि यूक्रेन ने रविवार को उसके 5 सैन्य एयरबेस पर बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले किए, जिससे कई विमान तबाह हो गए. रूस के रक्षा मंत्रालय ने इन हमलों को “आतंकी हमला” करार देते हुए कहा कि FPV (फर्स्ट पर्सन व्यू) ड्रोन का इस्तेमाल किया गया. इन हमलों से रूस के रणनीतिक सैन्य ठिकानों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि कुछ ड्रोन हमले एयरबेस के बेहद करीब से किए गए थे, जिसमें ट्रेलर ट्रकों का उपयोग कर ड्रोन लॉन्च किए गए थे. दूसरी ओर, यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने रूस के 41 लड़ाकू विमानों को निशाना बनाया है, जिसकी लागत 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 17 हजार करोड़ रुपये) से अधिक हो सकती है.

रूसी रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, मुरमान्स्क, इरकुत्स्क, इवानोवो, रयाजान और अमूर क्षेत्रों में स्थित हवाई अड्डों को निशाना बनाया गया. मंत्रालय ने दावा किया कि इवानोवो, रयाजान और अमूर क्षेत्रों के सैन्य एयरबेसों पर हुए सभी “आतंकी हमलों” को नाकाम कर दिया गया, लेकिन नुकसान की पुष्टि भी की. चौंकाने वाली बात यह है कि ओलेनोगोर्स्क एयरबेस (मुरमान्स्क क्षेत्र) और स्रेद्नी एयरबेस (इरकुत्स्क, साइबेरिया) को पास के इलाकों से ट्रेलर ट्रकों की मदद से ड्रोन लॉन्च करके निशाना बनाया गया. यह दर्शाता है कि यूक्रेन ने रूस के भीतर गहरे तक घुसपैठ करने में सफलता हासिल की है.
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यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी (SBU) ने इन हमलों की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया है कि उन्होंने रूस के Tu-95, Tu-22 जैसे बड़े बमवर्षक विमानों और दुर्लभ A-50 जैसे महंगे जासूसी विमानों को नुकसान पहुंचाया है. SBU के एक अधिकारी ने कहा कि यह हमला उन्होंने आत्मरक्षा में किया है, क्योंकि ये रूसी विमान अक्सर यूक्रेनी शहरों पर बम गिराते हैं. यूक्रेन ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि रूस नहीं रुका तो उसके ड्रोन मिशन जारी रहेंगे. यह हमला इस्तांबुल में होने वाली शांति वार्ता से ठीक पहले हुआ है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है.

Author: fastblitz24



