धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां टीहरा लाइन से लापता हुए 12वीं कक्षा के छात्र शिवांश ने अपहरण के प्रयास से बचने के लिए जंगल में तीन खौफनाक रातें और दो दिन बिताए. सुधेड़ के रहने वाले शिवांश ने पुलिस को आपबीती सुनाते हुए बताया कि कैसे उसने अपनी जान बचाने के लिए जंगल में बह रहे नाले का गंदा पानी पीकर खुद को जिंदा रखा. पुलिस इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है.

शिवांश ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि 27 मई की रात वह अपने दोस्त आर्यन के साथ उसकी स्कूटी पर बैठकर टीहरा लाइन पहुंचा था. वे दोनों अपने एक दोस्त का इंतजार कर रहे थे और ऑटो में बैठने वाले थे, तभी चार-पांच युवकों ने उन पर हमला कर दिया. हमलावरों ने शिवांश और उसके दोस्त को पकड़ लिया और उनका वीडियो बनाना शुरू कर दिया. जब शिवांश वहां से जाने लगा, तो उसे एक बोलेरो गाड़ी में बैठने के लिए कहा गया. इसी दौरान, उसने मौका पाकर वहां से भागने का फैसला किया.
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शिवांश ने बताया कि उसने टीहरा लाइन में सड़क की रेलिंग से नीचे छलांग लगा दी, लेकिन उसे गहराई का अंदाज़ा नहीं था. इस कारण उसकी बाईं टांग और बाजू में चोटें आईं. इससे पहले कि वह संभल पाता, ऊपर से युवकों ने उस पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए. पत्थरों से बचने के लिए वह जंगल की तरफ आगे बढ़ गया. जंगल में वह अपनी मां, बहन और पिता को लगातार आवाज़ें लगाता रहा, लेकिन किसी ने उसकी आवाज़ नहीं सुनी. भूख लगने पर उसने जंगल में बह रहे नाले का पानी पिया और वहीं रुक गया. आखिरकार, शनिवार देर शाम जब वह आवाज़ें लगा रहा था, तो रेस्क्यू दल ने उसे बचा लिया. फिलहाल, शिवांश जोनल अस्पताल धर्मशाला में भर्ती है.

Author: fastblitz24



