ओडिशा: ओडिशा के गंजम जिले की एक विशेष POCSO अदालत ने एक ऐसे मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसने समाज को झकझोर कर रख दिया है. एक पिता को अपनी नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने के जघन्य अपराध के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. यह फैसला न केवल पीड़िता को न्याय दिलाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट संदेश देता है कि ऐसे अपराधों के प्रति किसी भी प्रकार की नरमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

शुक्रवार को, अतिरिक्त जिला न्यायाधीश और POCSO कोर्ट की जज प्रणति पटनायक ने दोषी पिता को ₹10,000 का जुर्माना भी लगाया. वकील नारायण पांडा ने बताया कि यदि जुर्माने का भुगतान नहीं किया जाता है, तो आरोपी को एक और साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. यह घटना 2023 में हुई थी, जब आरोपी ने अपनी ही बेटी को हवस का शिकार बनाया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. यह मामला समाज में व्याप्त उस अंधकार को उजागर करता है, जहाँ रिश्तों की पवित्रता तार-तार हो जाती है.
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न्यायालय ने इस मामले में पीड़िता को ₹10.50 लाख की मुआवजा राशि देने का भी निर्देश दिया है, जिसे जिले की लीगल सर्विस अथॉरिटी द्वारा प्रदान किया जाएगा. अपने फैसले में, कोर्ट ने सख्त शब्दों में कहा कि आरोपी, जो पीड़िता का ही पिता था और जिसका दायित्व अपनी बेटी की सुरक्षा करना था, उसने ही अपने बच्चे के साथ बार-बार दुर्व्यवहार किया. कोर्ट ने जोर देकर कहा कि ऐसे अपराध के प्रति किसी भी प्रकार की सहानुभूति या छूट उचित नहीं ठहरती. यह फैसला न केवल अपराधी को दंडित करता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि पीड़िता को उसके साथ हुए अन्याय के लिए कुछ आर्थिक सहायता मिल सके.

Author: fastblitz24



