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सड़क दुर्घटना में दादा और पोती की दर्दनाक मौत जिले में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाएं, लोग चिंतित

जौनपुर: जिले के सिकरारा थाना क्षेत्र के बोधापुर गांव के पास मंगलवार देर शाम एक दर्दनाक सड़क हादसे में दादा-पोती की मौत हो गई, जबकि एक अन्य बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई। इस घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है।

जानकारी के अनुसार, बोधापुर गांव निवासी परमानंद मिश्रा (60) अपनी 13 वर्षीय पोती महक और 10 वर्षीय परी के साथ बाइक से किसी ज़रूरी काम से निकले थे। जैसे ही वे बोधापुर गांव के करीब पहुंचे, उसी दौरान एक तेज़ रफ्तार स्कार्पियो ने उनकी बाइक को ज़ोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि परमानंद मिश्रा और महक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि परी गंभीर रूप से घायल हो गई।
स्थानीय लोगों की मदद से परी को तत्काल ज़िला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने उसे वाराणसी रेफर कर दिया।
हादसे की सूचना मिलते ही सिकरारा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों शवों को कब्ज़े में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए ज़िला अस्पताल भिजवा दिया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हादसे के बाद स्कार्पियो चालक वाहन छोड़कर फरार हो गया, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।

जौनपुर ज़िला एक बार फिर सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते कहर का गवाह बना है। हाल ही में सिकरारा थाना क्षेत्र में हुए एक दर्दनाक हादसे में एक दादा और उनकी पोती की जान चली गई, जबकि एक अन्य बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई। यह घटना अकेले नहीं है; ज़िले में रोज़ाना सड़क दुर्घटनाएं सामने आ रही हैं, जिनमें कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं और अनेकों घायल हो रहे हैं। यह एक गंभीर चिंता का विषय है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

सड़क दुर्घटनाओं के कई कारण हैं। इनमें सबसे प्रमुख तेज़ रफ़्तार है। सड़कों पर वाहनों की बेकाबू गति अक्सर हादसों को न्योता देती है। इसके अलावा, लापरवाह ड्राइविंग, शराब पीकर गाड़ी चलाना, और यातायात नियमों का उल्लंघन भी बड़े कारण हैं। कई चालक बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के वाहन चलाते हैं, जिससे दुर्घटना की स्थिति में चोटों की गंभीरता बढ़ जाती है। सड़कों की खराब स्थिति, गड्ढे, और पर्याप्त रोशनी का अभाव भी रात के समय हादसों को बढ़ावा देता है। ओवरलोडिंग, विशेषकर व्यावसायिक वाहनों में, भी एक बड़ी समस्या है जो संतुलन बिगाड़ती है और दुर्घटना का कारण बनती है।

इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए कई स्तरों पर प्रयास करने की आवश्यकता है। सबसे पहले, यातायात नियमों का सख़्ती से पालन कराया जाना चाहिए। पुलिस को बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के वाहन चलाने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। तेज़ रफ़्तारी पर नियंत्रण के लिए स्पीड कैमरे और नियमित चेकिंग अभियान चलाए जाने चाहिए। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के लिए ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जानी चाहिए।

दूसरा, सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। स्कूल-कॉलेजों में और सार्वजनिक स्थानों पर सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यशालाएं और अभियान चलाए जाने चाहिए ताकि लोगों को यातायात नियमों और सुरक्षित ड्राइविंग के महत्व के बारे में शिक्षित किया जा सके। ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को और सख्त किया जाना चाहिए ताकि केवल प्रशिक्षित और ज़िम्मेदार ड्राइवरों को ही लाइसेंस मिल सके।
तीसरा, सड़कों की गुणवत्ता में सुधार करना बेहद ज़रूरी है। गड्ढे वाली सड़कों की मरम्मत की जानी चाहिए और पर्याप्त स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी चाहिए। ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना संभावित क्षेत्र) की पहचान कर वहां विशेष सुरक्षा उपाय किए जाने चाहिए, जैसे कि चेतावनी बोर्ड, स्पीड ब्रेकर और परावर्तक।
सरकार और प्रशासन को इस गंभीर मुद्दे पर एक साथ मिलकर काम करना होगा। केवल तभी हम अपने ज़िले की सड़कों को सुरक्षित बना पाएंगे और अनमोल जीवन को असमय मौत से बचा पाएंगे। यह समय है कि हम सब मिलकर सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दें और एक ज़िम्मेदार नागरिक के रूप में अपनी भूमिका निभाएं।

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Author: fastblitz24

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