लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. पिंकी जोएल के निर्देशों की अनदेखी करना 51 जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को भारी पड़ गया है। संविदाकर्मियों की पारस्परिक पुनर्नियुक्ति के मामले में उदासीनता बरतने पर इन सभी सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्हें अपना स्पष्टीकरण देने के लिए केवल दो दिन का समय दिया गया है।

क्या था पूरा मामला?


दरअसल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पारस्परिक पुनर्नियुक्ति नीति लागू की थी। इस संबंध में उन्होंने 2 दिसंबर 2024 को भी निर्देश भेजे थे कि ऑनलाइन आवेदन के बाद सभी आवेदनों को राज्य कार्यालय को अग्रसारित किया जाए। लेकिन, कई मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने आवेदनों को मानव संपदा पोर्टल पर प्राप्त करने के बावजूद उन्हें निर्धारित तरीके से अग्रसारित नहीं किया।
मिशन निदेशक ने इस लापरवाही को पूर्व में दिए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन और राजकीय कार्यों में उदासीनता का द्योतक माना है। इसी कारण बुधवार को इन 51 सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
नोटिस में स्पष्टीकरण के लिए दो दिन का समय दिया गया है। साथ ही, इन दो दिनों के भीतर पारस्परिक पुनर्नियुक्ति के लिए प्राप्त सभी आवेदनों को मानव संपदा पोर्टल पर स्पष्ट संस्तुति के साथ राज्य स्तर को अग्रसारित करने का भी निर्देश दिया गया है।
जिन जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें लखनऊ, अमेठी, सीतापुर, बहराइच, बाराबंकी, गोंडा सहित कुल 51 जिले शामिल हैं। इनमें आगरा, अलीगढ़, अमरोहा, औरैया, आजमगढ़, बलिया, बदायूं, बरेली, बस्ती, बिजनौर, बुलंदशहर (तत्कालीन), चंदौली, चित्रकूट, देवरिया (तत्कालीन और वर्तमान में गोरखपुर), एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, जीबी नगर (तत्कालीन), गाजीपुर, हापुड़, हरदोई, जालौन, कन्नौज, कानपुर देहात, कासगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, मैनपुरी, मथुरा, मऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, सहारनपुर, संभल, संत कबीर नगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, उन्नाव और वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी शामिल हैं।

Author: fastblitz24



