नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान ने आज शाम 5 बजे से पूर्ण और तत्काल संघर्ष विराम (Ceasefire) लागू करने पर सहमति व्यक्त की है। यह महत्वपूर्ण समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में हुई वार्ता के बाद संभव हो पाया। दोनों देशों के सेना संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच फोन पर हुई बातचीत के जरिए इस निर्णय पर अंतिम मुहर लगी।
समझौते के अनुसार, थल, जल और वायु क्षेत्रों में सभी सैन्य गतिविधियां तत्काल प्रभाव से रोक दी गई हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों ने इस संघर्ष विराम की पुष्टि की है। इसके अतिरिक्त, 12 मई को दोनों पक्षों के बीच एक और दौर की बातचीत प्रस्तावित है, जिसमें व्यापक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा और स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में चर्चा की जाएगी।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस संबंध में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत एक विशेष ब्रीफिंग में जानकारी साझा करते हुए कहा कि यह कदम क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की ओर एक महत्वपूर्ण पहल है।
संघर्ष विराम: क्या होता है और कब लागू होता है?
संघर्ष विराम, जिसे सीजफायर भी कहा जाता है, एक ऐसा समझौता है जिसके तहत युद्ध या किसी भी प्रकार के सशस्त्र संघर्ष में शामिल पक्ष आपसी सहमति से लड़ाई को अस्थायी या स्थायी रूप से रोकने के लिए सहमत होते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य शांति स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाना, मानवीय सहायता प्रदान करना या बातचीत के लिए मार्ग खोलना होता है।
पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) ने आज दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर भारतीय डीजीएमओ को फोन किया था। उनकी आपसी सहमति के बाद यह निर्णय लिया गया कि दोनों पक्ष भारतीय मानक समय के अनुसार शाम 5 बजे से जमीन, हवा और समुद्र में सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को बंद कर देंगे।
संघर्ष विराम की घोषणा कई अलग-अलग परिस्थितियों में की जा सकती है, जैसे कि बढ़ते सैन्य टकराव को रोकना, आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, मानवीय सहायता या राहत कार्यों को पूरा करना, शांति वार्ता की शुरुआत करना या फिर अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण।
सीजफायर केवल एक सैन्य निर्णय नहीं होता, बल्कि यह एक कूटनीतिक, मानवीय और रणनीतिक दृष्टिकोण है, जो संघर्ष के समय में शांति की उम्मीद जगाता है।

Author: fastblitz24



