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श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह की अमृत वर्षा, श्रद्धालु हुए भावविभोर

मुंगराबादशाहपुरनगर के मुहल्ला गुड़हाई (मलिया का गोड़ा) में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन वृंदावन से पधारी कथा व्यास सुश्री प्रज्ञा जी ने भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणी के विवाह की दिव्य कथा का श्रवण कराकर श्रद्धालुओं को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। कथा के मध्य में प्रस्तुत की गई सुंदर झांकियों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मुख्य यजमान कल्लू राम और उनकी पत्नी कुंती देवी के तत्वावधान में आयोजित कथा के छठे दिन की शुरुआत भगवान श्री कृष्ण की आरती और गणेश वंदना के साथ विधि-विधान से हुई। कथा व्यास सुश्री प्रज्ञा जी ने भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य महारास लीला का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान की यह लीला इतनी अलौकिक है कि स्वयं भोलेनाथ भी उनके बाल रूप के दर्शन के लिए गोकुल पहुंचे थे। मथुरा गमन प्रसंग में उन्होंने बताया कि जब अक्रूर जी भगवान को लेने आए और श्रीकृष्ण मथुरा जाने लगे, तो ब्रज की सभी गोपियां उनके रथ के आगे खड़ी हो गईं और कहने लगीं कि हे कन्हैया, जब तुम्हें हमें छोड़कर ही जाना था तो हमसे प्रेम क्यों किया।

भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणी के विवाह प्रसंग का वर्णन करते हुए कथा व्यास ने कहा कि रुक्मणी स्वयं मां लक्ष्मी का स्वरूप हैं और वह नारायण से दूर नहीं रह सकतीं। इस अवसर पर गोपी उद्धव संवाद और श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह उत्सव की मनोहर झांकी प्रस्तुत की गई, जिसने श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।

जय मां काली चौरा मातारानी मंदिर से गाजे-बाजे के साथ भगवान कृष्ण की बारात निकाली गई। इस दौरान श्रद्धालु “आज मेरे श्याम की शादी है, मेरे घर श्याम की शादी है” जैसे भक्ति गीतों पर नाचते-गाते बारात के आगे चल रहे थे। कृष्णा अन्य दुबे और राधा तनु केसरवानी की झांकी पूरे पंडाल में आकर्षण का केंद्र रही।

पूर्व चेयरमैन शिव गोविंद साहू, अनिल केसरवानी, विष्णु प्रजापति, अनीता, उषा देवी, रामकली, मल्लू प्रजापति, वीशा देवी और राकेश ऊमरवैश्य आदि ने संयुक्त रूप से भगवान श्रीकृष्ण और कथा व्यास की आरती उतारकर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर आलोक कुमार गुप्ता पिंटू, गोकर्ण केसरी, प्रभा शंकर, हरि जायसवाल, शिव प्रसाद गुप्ता बबलू, विनोद प्रजापति, बसंत और राम जी साहू सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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Author: fastblitz24

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