जौनपुर। जिले के उमानाथ सिंह मेडिकल कॉलेज में कार्यरत लगभग 300 से अधिक कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन आज लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। कॉलेज परिसर के बाहर चिलचिलाती धूप में बैठे इन कर्मचारियों में भारी आक्रोश देखने को मिला। कर्मचारियों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने उन्हें उनके मूल पदों से हटाकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों पर नियुक्त कर दिया है, जिसके कारण उनके वेतन में भी लगभग 4000 से 5000 रुपये तक की कटौती कर दी गई है।
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि वे पिछले तीन वर्षों से मेडिकल कॉलेज में नर्सों सहित विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि अचानक मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने एक तुगलकी फरमान जारी करते हुए न केवल उन्हें उनके मूल पदों से हटा दिया, बल्कि उनके वेतन में भी कटौती का आदेश दे दिया। कर्मचारियों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज के इस फैसले से कई युवा जो रोजगार पा चुके थे, अब बेरोजगारी के कगार पर खड़े हो गए हैं।

कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज के अंदर बुनियादी सुविधाओं की कमी का भी मुद्दा उठाया। महिला कर्मचारियों, विशेषकर नर्सों ने आरोप लगाया कि कॉलेज परिसर के अंदर उनके लिए न तो उचित आवास की व्यवस्था है और न ही पर्याप्त संख्या में बाथरूम उपलब्ध हैं। इसके चलते महिला कर्मचारियों को शौचालय के लिए लगभग 500 मीटर दूर तक जाना पड़ता है, जिससे उन्हें काफी असुविधा होती है।
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने मीडिया को यह भी बताया कि उन्हें जल्द ही नौकरी से निकालने की आशंका है और इसके बाद नई नियुक्तियों के नाम पर पैसों की वसूली की जा सकती है। इस गंभीर मामले को लेकर कर्मचारियों ने उत्तर प्रदेश सरकार के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री गिरीश चंद्र यादव से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा है, लेकिन अब तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकल सका है
कर्मचारियों की मुख्य मांग है कि उन्हें उनके मूल पदों पर तुरंत बहाल किया जाए और उनके वेतन में की गई कटौती को वापस लिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को जल्द ही पूरा नहीं किया जाता है, तो वे मेडिकल कॉलेज के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने के लिए मजबूर हो जाएंगे। कर्मचारियों का यह विरोध प्रदर्शन मेडिकल कॉलेज प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है, और देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई की जाती है।

Author: fastblitz24



