जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बायसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस हमले के मास्टरमाइंड्स और उनकी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए अत्याधुनिक 3डी मैपिंग तकनीक का सहारा लिया है। इस हमले में 27 निर्दोष पर्यटकों की मौत हो गई थी, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया था
NIA की टीम बायसरन घाटी में घटनास्थल की 3डी मैपिंग कर रही है। इस तकनीक के जरिए इलाके का थ्री-डायमेंशनल नक्शा तैयार किया जा रहा है, जिसमें सैटेलाइट इमेज, ड्रोन वीडियो, और चश्मदीदों की जानकारी का इस्तेमाल हो रहा है। LiDAR स्कैनर्स की मदद से इलाके की भौगोलिक जटिलताओं को डिजिटल रूप में रिक्रिएट किया जा रहा है, जिससे जांच एजेंसियां आतंकियों के मूवमेंट, एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स की सटीक पहचान कर सकेंगी। यह तकनीक घटनास्थल के हर पहलू को वर्चुअल रिएलिटी के जरिए जांचकर्ताओं के सामने लाती है, जिससे पूछताछ और सबूतों की पुष्टि आसान हो जाती है

NIA की जांच में खुलासा हुआ है कि हमले में शामिल आतंकी 15 अप्रैल को ही पहलगाम पहुंच गए थे और सात दिन तक इलाके की रेकी करते रहे। सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों ने भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित सुरंगों का इस्तेमाल कर घुसपैठ की थी। NIA अब माछिल, केरन, नौगाम, बारामूला और ऊरी जैसे संवेदनशील बॉर्डर पॉइंट्स पर सुरंगों की जांच कर रही है। इन सुरंगों के जरिए आतंकियों के भारत में प्रवेश की आशंका जताई जा रही है
जांच में सामने आया है कि हमले की साजिश बेहद सुनियोजित थी। आतंकियों ने बायसरन, अरू, बीटाब वैली और एक एम्यूजमेंट पार्क जैसे भीड़-भाड़ वाले टूरिस्ट स्पॉट्स की रेकी की थी। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होने की वजह से उन्होंने बायसरन घाटी को निशाना बनाया। हमले में लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तानी आतंकियों के साथ-साथ स्थानीय सहयोगियों की भी भूमिका सामने आई है। करीब 15 ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) ने आतंकियों की मदद की थी। हमले के बाद आतंकी दक्षिण कश्मीर के घने जंगलों में छिप गए और सेना की घेराबंदी के बावजूद फरार होने में सफल रहे
NIA की जांच में पता चला है कि हमले के लिए जिम्मेदार आतंकियों ने अत्याधुनिक अल्ट्रा स्टेट कम्युनिकेशन सिस्टम का इस्तेमाल किया, जिससे उनकी लोकेशन ट्रेस करना मुश्किल हो गया। दो संदिग्ध सिग्नल भी ट्रेस किए गए हैं, जिनके जरिए आतंकी आपस में संपर्क में थे। हमले में शामिल मुख्य आतंकियों की पहचान हाशिम मूसा, तल्हा भाई (दोनों पाकिस्तानी नागरिक) और आदिल हुसैन ठोकर (स्थानीय निवासी) के रूप में हुई है। चौथे आतंकी की पहचान अब तक नहीं हो पाई है
NIA की टीम अब बॉर्डर इलाकों में सुरंगों की तलाश, आतंकियों के स्थानीय नेटवर्क की पहचान और टेक्निकल-फॉरेंसिक जांच में जुटी है। हाल ही में कुपवाड़ा, हंदवाड़ा और पुलवामा में 100 से ज्यादा संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। एजेंसी का मुख्य मकसद हमले की हर कड़ी को जोड़कर आतंकियों और उनके समर्थकों तक पहुंचना है

Author: fastblitz24



