भक्तों ने ली आध्यात्मिक अनुभूति
श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता और राजा परीक्षित की कथा ने भक्ति भाव से सराबोर किया जनमानस
जौनपुर। स्थानीय विकास खण्ड के पिपरौल गांव में स्थित रमेश चंद्र मिश्र के निज निवास पर आयोजित सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का समापन शनिवार को भक्तिपूर्ण वातावरण में हुआ। समापन अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु श्रोतागण उपस्थित रहे। कथा के अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त व्यास आचार्य मनोज अवस्थी जी महाराज ने श्रीकृष्ण-सुदामा की अमर मित्रता और राजा परीक्षित की कथा सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया।

आचार्य मनोज अवस्थी जी ने श्रीकृष्ण-सुदामा की कथा सुनाते हुए कहा कि परमात्मा श्रीकृष्ण प्रेम और मुक्ति के दाता हैं। उनकी लीलाएं माधुर्य और ऐश्वर्य से परिपूर्ण एवं अनंत हैं। जब सुदामा श्रीकृष्ण को भेंट स्वरूप फटी पोटली में तंदुल (चावल) लेकर पहुंचे, तब भगवान ने प्रेमपूर्वक उसे अपने हाथ से खींच लिया और कहा कि यह भेंट न केवल हमें, बल्कि पूरे संसार को तृप्त करने के लिए पर्याप्त है। यह प्रसंग मित्रता की मर्यादा, सच्चे प्रेम और निष्काम भक्ति का प्रतीक है।
राजा परीक्षित की कथा के माध्यम से व्यास जी ने ब्रह्म और आत्मा की एकता तथा ईश्वर भक्ति की महिमा का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार भक्ति से मोक्ष की प्राप्ति संभव है और यह जीवन का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।
कथा के आरंभ में मुख्य यजमान द्वारा विधि-विधानपूर्वक देव पूजन किया गया। समापन के अवसर पर उपस्थित भक्तों ने सामूहिक आरती की और प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।
कथा आयोजन के सफल संचालन में कथासंयोजक मंडल के एडवोकेट कपिलदेव मिश्र, अमित मिश्रा, उमेश मिश्र, आदर्श मिश्र, आशीष मिश्र, प्रशांत मिश्र, अर्पित मिश्र, अंकित मिश्र, शिवम मिश्र, प्रफुल मिश्र, आर्विक मिश्र, शवी मिश्र, सार्थक मिश्र, शौर्य मिश्र समेत अनेक कथाप्रेमियों की सक्रिय भागीदारी रही।

Author: fastblitz24



