जौनपुर। जहां एक ओर कांग्रेस आलाकमान पार्टी को बूथ स्तर पर मजबूत करने का सपना देख रहा है, वहीं दूसरी ओर जौनपुर ज़िले में कांग्रेस की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। रविवार को हिंदी भवन में आयोजित कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ. प्रमोद सिंह और शहर अध्यक्ष आरिफ़ ख़ान के स्वागत समारोह में गुटबाज़ी स्पष्ट दिखाई दी।
इस समारोह में एक धड़ा सक्रिय रूप से शामिल रहा, तो वहीं दूसरा धड़ा पूरी तरह नदारद दिखाई दिया। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण के रूप में आमंत्रित सदर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक और कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नदीम जावेद भी कार्यक्रम से अनुपस्थित रहे।

हालांकि उनकी अनुपस्थिति का कारण सार्वजनिक नहीं हुआ है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि जिलाध्यक्ष और शहर अध्यक्ष की नियुक्ति से असंतुष्ट नेताओं की बढ़ती नाराज़गी के चलते उन्होंने शामिल होना उचित नहीं समझा।
यदि पार्टी में यह अंदरूनी खींचतान इसी तरह जारी रही, तो कांग्रेस का बूथ स्तर पर मज़बूती का सपना अधूरा ही रह जाएगा
सूत्रों के अनुसार, कार्यक्रम में जिन प्रमुख नेताओं की गैरहाज़िरी ने सबका ध्यान खींचा उनमें शामिल हैं:
पूर्व युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष, पूर्व विधानसभा प्रत्याशी प्रमोद मिश्रा, पूर्व जिलाध्यक्ष कांग्रेस रामचंद्र मिश्रा, राकेश उपाध्याय, पूर्व विधानसभा प्रत्याशी राकेश मंगला गुरु, सुरेंद्र वीर, विक्रम बहादुर सिंह बाबा, प्रदेश महासचिव जयशंकर दुबे, बदलापुर विधानसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप यादव, मल्हनी विधानसभा कांग्रेस अध्यक्ष संतोष शर्मा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता विद्यापति द्विवेदी, प्रदेश महासचिव सेवा दल राघवेंद्र मिश्रा, किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक मिश्रा, हीरालाल पाल और अजय सोनकर।
इन सभी नेताओं का कार्यक्रम से दूरी बनाना यह दर्शाता है कि पार्टी के भीतर एकजुटता की कमी है। अगर समय रहते आलाकमान ने इस गुटबाज़ी को नहीं सुलझाया, तो आने वाले चुनावों में यह कलह भारी पड़ सकती है।

Author: fastblitz24



