नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर हुए विवाद के बाद हिंसा भड़क उठी। हिंसा के बाद शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और पुलिस ने 47 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है।
महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने कहा कि हिंसा के पीछे की वजह का अभी तक पता नहीं चला है। उन्होंने बताया कि हिंसा में 12-14 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। हिंसा के पीछे की वजह का पता लगाया जा रहा है और जिसने भी कानून को अपने हाथ में लिया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

भाजपा विधायक प्रवीण दटके ने कहा कि यह पूरी घटना सुनियोजित थी। उन्होंने आरोप लगाया कि भीड़ ने केवल हिंदुओं के घरों और दुकानों पर हमले किए। उन्होंने पुलिस आयुक्त से बात की और कहा कि यह एक संवेदनशील क्षेत्र है। उन्होंने संजय सिंह जैसे पुलिस अधिकारियों पर नागरिकों की बात न सुनने का आरोप लगाया
नागपुर में फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं। जगह-जगह पुलिस बल तैनात है। हिंसा में कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं और जगह-जगह जले हुए और क्षतिग्रस्त वाहन दिख रहे हैं।
औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर तनाव के बाद भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत नागपुर शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर कुमार सिंघल के आधिकारिक आदेश के मुताबिक प्रतिबंध अगले आदेश तक लागू रहेंगे। कर्फ्यू कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर में पुलिस स्टेशन की सीमा में लागू रहेंगे।
पुलिस ने दंगाइयों को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। दंगा प्रभावित क्षेत्रों में क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी), दंगा नियंत्रण पुलिस व एसआरपीएफ की तैनाती की गई है। दो दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिंसा की खबरें कोतवाली और गणेशपेठ से भी आईं। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की निषेधाज्ञा संबंधित धारा 163 (पहले 144) लागू कर पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया है
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। गणेशपेठ थाने में पवित्र पुस्तक जलाने का दावा करते हुए शिकायत दी गई है। सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वालों पर कार्रवाई होगी। शांति बहाली के लिए धार्मिक नेताओं से अपील की है।
औरंगजेब की कब्र को लेकर महाराष्ट्र में चल रहा विवाद सोमवार को हिंसक हो गया। मध्य नागपुर में एक समुदाय की पवित्र पुस्तक जलाने की अफवाह फैलने के बाद लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। चिटनवीस पार्क से शुक्रवारी तालाब रोड पर दंगाइयों ने चार गाड़ियों में आग लगा दी और दो दर्जन से अधिक गाड़ियों में तोड़फोड़ की। दो पोकलेन मशीनों में भी आग लगा दी गई। स्थानीय निवासियों के घरों पर पथराव किया गया। जवाब में दूसरे समूह की ओर से भी पत्थर फेंके गए। उपद्रवियों की ओर से कुल्हाड़ी से किए हमले में डीसीपी निकेतन कदम भी घायल हुए हैं।
कांग्रेस सांसद श्यामकुमार बर्वे ने हिंसा की निंदा की। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा, नागपुर में हिंदू-मुस्लिम झड़प कभी नहीं हुई। दोनों समुदायों को शांति बनाए रखनी चाहिए। ऐसी घटनाओं के जरिए मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस हालात पर काबू पाने का हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर पथराव को बर्दाश्त नहीं करने की बात कही और दोषियों को सख्त सजा दिलाने का आश्वासन दिया।

Author: fastblitz24



