प्रयागराज जंक्शन से फाफामऊ, जंघई के रास्ते वाराणसी जाने वाली ट्रेनें अब अधिकतम 110 किमी की रफ्तार से दौड़ सकेंगी। इस रूट के उग्रसेनपुर-फूलपुर- सरायचंडी-थरवई-फाफामऊ रेलपथ के दोहरीकरण कार्य के बाद मुख्य संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) दिनेश चंद देशवाल ने शनिवार को निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्पीड ट्रायल भी लिया। उनकी ट्रेन 120 की रफ्तार से दौड़ी। निरीक्षण के बाद सीआरएस ने यहां दोहरीकरण के लिए बिछाए गए नए ट्रैक पर ट्रेन संचालन की अनुमति दे दी है।
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के उग्रसेनपुर-फूलपुर- सरायचंडी-थरवई-फाफामऊ रेलपथ के 32.17 किमी रेलमार्ग के दोहरीकरण और विद्युतीकरण का कार्य शनिवार को पूरा हुआ है। यहां दोहरीकृत एवं विद्युतीकृत रेल मार्ग कार्य का निरीक्षण रेल संरक्षा आयुक्त, उत्तर परिमंडल, दिनेश चंद देशवाल ने शनिवार को किया। उनका निरीक्षण पूरा हो जाने के बाद अब 46.79 किमी लंबेे जंघई-फाफामऊ रेलमार्ग के दोनों ट्रैक पर ट्रेन चलाने का रास्ता साफ हो गया है। फाफामऊ जंक्शन से जंघई जंघई रेलमार्ग का दोहरीकरण पूरा होने के बाद प्रयागराज जिले में उत्तर रेलवे के फाफामऊ जंक्शन से मां बेल्हा देवी प्रतापगढ़ रेलमार्ग को छोड़कर सभी रेलमार्ग दोहरीकरण का पूरा हो गए हैं और डबल ट्रैक पर ट्रेनें भी दौड़ रहीं हैं।
सीआरएस के निरीक्षण के बाद मिली स्वीकृति के बाद अब प्रयागराज से जंघई-फाफामऊ होकर वाराणसी का सफर और ज्यादा सुगम होगा। महाकुंभ के दौरान दोनों लाइनों पर रेल आवागमन होने से ज्यादा से ज्यादा स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जा सकेंगी। उधर, सीआरएस ने निरीक्षण के दौरान उग्रसेनपुर, फूलपुर, सरायचंडी, थरवई एवं फाफामऊ स्टेशनों पर स्थित रिले रूम, आईपीएस रूम ,संरक्षा संबंधी कार्यालयों आदि का निरीक्षण किया। उन्होंने मोटर ट्राली से भी उग्रसेनपुर से फाफामऊ के मध्य निरीक्षण किया। इस दौरान डीआरएम लखनऊ एसएम शर्मा, चीफ ब्रिज इंजीनियर सुरेश कुमार सपरा, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) श्याम सिंह आदि अफसर एवं कर्मचारी मौजूद रहे।