जौनपुर:विश्व मानवाधिकार दिवस पर हुई संगोष्ठी आयोजित
जौनपुर
10 दिसंबर, विश्व मानवाधिकार दिवस ,सारी दुनिया में मनाए जाने की परम्परा है जिसका उद्देश्य मानवाधिकार के प्रति लोगों को जागरूक करना होता है।
इस अवसर पर हिंदुस्तान मानवाधिकार के जिला कैंप कार्यालय पर एक बैठक/गोष्ठी का आयोजन किया गया ,जिसकी अध्यक्षता जौनपुर दीवानी न्यायालय के पूर्व ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अब्बास हुसैन अहसास ने किया।गोष्ठी को संबोधित करते हुए हिंदुस्तान मानवाधिकार संस्था के उत्तर प्रदेश प्रभारी/कार्यवाहक अध्यक्ष वकार हुसैन ने कहा ” 10 दिसंबर को दुनियां भर में मानवाधिकार दिवस मनाए जाते हैं परन्तु क्या वास्तव में मानवाधिकारों का सम्मान किया जा रहा है।आप देख रहे हैं कि किस तरह से दुनिया भर में सत्ता के नाम पर आम नागरिकों का खून बहाया जा रहा है ।हर ताकत
वाला कमजोर को मार रहा है जब कि दुनिया के लोग केवल तमाशा देख रहे हैं।हमारे देश में भ्रष्टाचार ही ,आज मानवाधिकार उलंघन का सबसे बड़ा कारण है। विधायिका,कार्यपालिका,
न्यायपालिका इनमें से कोई भी ,भ्रष्टाचार से सुरक्षित नहीं मिलेगा। नौकर शाही से राजशाही तक, संत्री से मंत्री तक,चपरासी से अधिकारी तक ,इस सामाजिक रोग से ग्रसित पाए जाते है।ग्राम विकास कार्यालय से,विकास भवन और सचिवालय तक ,केवल भ्रष्टाचार का वर्चस्व देखने को मिलेगा। केवल थाना चौकी ही नहीं, जिला निबंधन कार्यालय,ट्रेज़री ऑफिस या कचहरी चले जाइए ,और अपनी आंखों से भ्रष्टाचार का नंगा नाच देख लीजिए।सबसे बुरा हाल तो चकबंदी दफ्तरों का होता है,जहां गरीब से गरीब किसान को भी अपनी भूमि को किसी नुकसान से बचाने के लिए चकबंदी कर्मियों को मुंह मांगा धन देने को विवश होना पड़ता है। दुख की बात यह है कि किसी नुकसान या उत्पीड़न के खौफ से कोई पीड़ित मुंह खोलने का भी साहस नहीं कर सकता है।फिर जब भ्रष्टाचार का लिंक टॉप टू बॉटम तक हो,और हमाम में सब ही नंगे हों तो कौन किसकी शिकायत सुन सकता है।

Author: fastblitz24



