Fastblitz 24

*संभल के सांप्रदायिक दंगे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन*

एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) पार्टी ने आयोजित किया प्रतिवाद दिवस

जौनपुरतहसील मुख्यालय बदलापुर में शुक्रवार को
मस्जिद विध्वंस की बरसी और हाल ही में संभल में हुए सांप्रदायिक दंगे के खिलाफ प्रतिवाद दिवस के रूप में मनाया। इस अवसर पर क्रांतिकारी पार्टी- एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) की जिला कमेटी की ओर से तहसील मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। प्रदर्शन के दौरान महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश को सम्बोधित 3 सूत्रीय मांग पत्र उपजिलाधिकारी बदलापुर को सौंपा गया।

 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कॉमरेड हीरालाल गुप्त ने कहा – संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान घटित हिंसक घटना बहुत ही दर्दनाक है। इस घटना में चार लोगों की मृत्यु और अनेक लोग घायल हुए हैं। इस घटना को टाला जा सकता था यदि संभल जिला प्रशासन और स्थानीय अदालत विवेकपूर्ण तरीके से कार्य करते। उल्लेखनीय है कि धार्मिक स्थलों के चरित्र को लेकर कोई विवाद न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए उपासना स्थल अधिनियम 1991 संसद द्वारा पारित किया गया। लेकिन उच्चतम न्यायालय के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश महोदय ने उनके निर्णय का समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को नजरअंदाज करते हुए इस संबंध में एक विवादित निर्णय दिया। उनके निर्णय के मुताबिक धार्मिक स्थलों की पूर्व स्थिति को निर्धारित करने के लिए कार्रवाई की जा सकती है। इसी कड़ी में संभल की स्थानीय अदालत द्वारा दूसरे पक्ष को सुने बिना मस्जिद के सर्वे का निर्णय दिया। जिला प्रशासन द्वारा असाधारण जल्दबाजी दिखाते हुए उसी दिन मस्जिद का सर्वे कराया। पुनः 24 नवम्बर को रविवार के दिन सुबह उजाला होने से पूर्व मस्जिद के सर्वे के लिए जाना लोगों के मन में शंका पैदा करने के लिए काफी था। यदि जिला प्रशासन स्थिति की गंभीरता को भांंपते हुए कार्रवाई करता, तो निश्चित रूप से यह दर्दनाक घटना रोकी जा सकती थी। इस घटना की जिम्मेदारी से संभल जिला प्रशासन बच नहीं सकता।

हम जनता से अपील करते हैं कि वह आपसी भाईचारा, सामाजिक सद्भाव हर कीमत पर बरकरार रखें। साथ ही सरकार से यह भी मांग करते हैं कि उपासना स्थल अधिनियम 1991 को उसकी मूल भावना के अनुरूप अक्षरशः लागू किया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसके साथ ही हम सरकार से मांग करते हैं कि घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाए। घटना के लिए जिम्मेदार जिला प्रशासन के दोषी अधिकारियों सहित हिंसा के लिए जिम्मेदार अन्य सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए,साथ ही मृतकों के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए। हिंसा में घायल सभी व्यक्तियों के समुचित इलाज की व्यवस्था की जाए. यह भी सुनिश्चित किया जाए की निर्दोष लोगों के खिलाफ किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए।

fastblitz24
Author: fastblitz24

Spread the love

यह भी पढ़ें

टॉप स्टोरीज