स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के सम्मान में बने कीर्ति स्तंभ पर तोड़फोड़ का मामला
जौनपुर। जनपद के एक पूर्व विधायक पर नेवढ़िया थाना क्षेत्र
के एक स्वतंत्रता सेनानी के के स्मारक के साथ तोड़फोड़ और छेड़छाड़ करने के मामले में एफ आई आर दर्ज कर जांच शुरू हो गई है. यह फिर कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार नेवाडिया में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजा संग्राम सिंह के कोट स्थित कीर्ति स्तंभ है।वही हुई तोड़फोड़ के मामले में कोर्ट के आदेश पर जफराबाद के पूर्व भाजपा विधायक डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह एवं ठेकेदार दिलीप तिवारी के विरुद्ध धोखाधड़ी के आरोप में 21 नवंबर 2024 को प्राथमिकी दर्ज हुई। जिसकी जांच शुरू हो गई है। पूर्व विधायक पर यह आरोप राजा संग्राम सिंह जन कल्याण संस्थान नेवढ़िया कोट के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने लगाया है. उन्होंने जफराबाद के पूर्व भाजपा विधायक डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह व दिलीप तिवारी ठेकेदार के खिलाफ एमपी/एमएलए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया
यहां बता दें सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे राजा संग्राम सिंह का नेवढ़िया थानाक्षेत्र के कोट स्थित कीर्ति स्तंभ है.जिसमें तोड़फोड़ और शिलापट्ट से ढंकने के मामले में जफराबाद के पूर्व भाजपा विधायक डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह और ठेकेदार दिलीप तिवारी के विरुद्ध धोखाधड़ी का वाद एमपी-एमएलए कोर्ट में दाखिल था जज के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर उसकी कॉपी कोर्ट में प्रस्तुत की गई है।
पूर्व जिला जज एवं राजा संग्राम सिंह जन कल्याण संस्थान नेवढ़िया कोट के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने जफराबाद के पूर्व भाजपा विधायक डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह व ठेकेदार दिलीप तिवारी के खिलाफ एमपी/एमएलए कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था। उन्होंने कहा था कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी राजा संग्राम सिंह की याद में नेवढ़िया कोट पर उनके स्मारक का निर्माण व लोगों के हितार्थ ट्रस्ट बनाया गया।
ट्रस्ट ने नेवढ़िया कोट पर एक कीर्ति स्तंभ का निर्माण कराया था। वर्तमान में वह संस्थान के पदेन अध्यक्ष हैं। 28 जनवरी 2022 को जब वादी दलपतपुर नेवढ़िया आया और कीर्ति स्तंभ देखने गया तो उसे पूर्व विधायक हरेंद्र प्रसाद सिंह व ठेकेदार दिलीप तिवारी ने बिना वादी की अनुमति के लाभ लेने के उद्देश्य से तोड़फोड़ और छेड़छाड़ की थी। मूर्ति स्तंभ को ग्रेनाइट पत्थरों के शिलापट से ढंकते हुए मूल शिलालेख गायब कर सरकारी संपत्ति का नुकसान किया।
उच्चधिकारियों से शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद न्यायालय की शरण में गया। न्यायालय के आदेश पर थाना नेवढ़िया में एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू हो गई है।