रेहान, मन्नान और फ़िरदौस समेत चारो गिरफ्ततार
मृतका के पिता का गंभीर आरोप, इन्ही आरोपियों को न छोड़ा होता तो बच जाती उसकी जान
जौनपुर। शुक्रवार को जनपद के थाना मछलीशहर के मुतफाबाद बाजार स्थित तालाब में दो दिनों से गुमशुदा चल रही एक नाबालिग दलित किशोरी का शव मिला। यह किशोरी 20 नवंबर से घर से लापता थी। किशोरी के पिता का कहना है उन्होंने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। और किशोरी को गायब करने वालों लेकिन पुलिस ने पैसा लेकर आरोपियों को छोड़ दिया। पुलिस में शिकायत करने की अपर्ताओं ने किशोरी के साथ दुर्व्यवहार किया और उसकी हत्या कर लाश तालाब में फेंक दी.
शव मिलने की सूचना पर घटनास्थल पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पीड़ित परिवार के लोगो ने गांव के ही तीन युवक सहित एक महिला पर हत्या कर शव तालाब में फेंकने का आरोप लगाया है।
मृतक के पिता के अनुसार पुलिस ने रेहान, मन्नान और फिरदौस को गुरुवार यानि 21 नवम्बर सांय रुपए लेकर छोड़ा दिया। जिसके बाद तीनों ने उनकी पुत्री जो उन्हीं के कब्जे में थी,उसके साथ दुष्कर्म किया और हत्या कर तालाब में फेक दिया।
*आरोपियों के कब्जे में थी किशोरी*
मृतक के पिता के अनुसार गुरुवार को वह अपने परिजनों के साथ रेहान के घर गया था। जहां घर पर मौजूद उसकी बहन रूखसार ने फोन पर बेटी से बात भी कराई थी। जिसके बाद उसने वह मोबाइल नंबर दिया था। किन्तु बाद में वह numberबंद हो गया। इधर शुक्रवार सुबह बाजार स्थित तालाब के पास शव मिलने की सुचना पर पहुंचे मृतक के पिता ने शव को अपने बेटी के होने बात कही।
*पुलिस की भूमिका पर बड़े सवाल*
मृतका की मां ने पुलिस महानिरीक्षक के सामने खुलेआम हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पैसा लेकर आरोपियों को छोड़ा नहीं गया होता तो आज मेरी बेटी जिंदा होती। दलित बेटी 20 नवंबर बुधवार से ही दिन में गायब हो गई थी। उसके पिता ने उसी दिन रात 11:00 बजे मछलीशहर कोतवाली पहुंचकर नामजद तहरीर देकर मदद की गुहार लगाई थी .पुलिस अगले दिन
21 तारीख को सुबह आरोपियों को पड़कर थाने लाती है।लेकिन आरोप है की शाम 5:00 बजे तक थाने में रखने के बाद आरोपियों को पुलिस नेउनको छोड़ दिया।
मृतका के पिता का आरोप है थाने से छुटने के बाद गुस्साए आरोपियो ने पुत्री के साथ बलात्कार कर रात में ही उसकी हत्या करके शव को तालाब में फेंक दिया हैं। मजेदार बात यह भी है कि 20 तारीख को पिता रात 11:00 बजे पहुंच कर पुलिस को पुत्री के गायब होने की सूचना देता है लेकिन उसका गुमशुदगी का मुकदमा दूसरे दिन रात 12:13 पर दर्ज किया जाता है।
नामजद तहरीर देने के बावजूद गुमशुदगी का मुकदमा अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस दर्ज करती है। प्रश्न उठता है कि जब पुलिस 22 तारीख की रात 12:13 पर गुमशुदगी का पहला मुकदमा दर्ज करती है वह भी अज्ञात लोगों के नाम,तो पिता द्वारा बताए नामजद तीन अभियुक्तों को पुलिस 21 तारीख को सुबह से लेकर शाम तक थाने में कैसे और क्यों बैठा लिया जाता है।
पुलिस पूरे दिन आरोपियों को थाने में बैठाने के बावजूद बिटिया को बरामद नहीं कर पाती है।
पिता ने मछली शहर पुलिस की रिश्वतखोरी की लिखित शिकायत पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी मोहित गुप्ता से की है जो थाने के निरीक्षण हेतु आए हुए थे।
*मछली शहर में ही मौजूद थे पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी*
शुक्रवार को जब दलित किशोरी की हत्या के बाद लाश मिली और इस प्रकरण में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे थे उस समय पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र मोहित गुप्ता
मछली शहर में स्वयं। मौजूद थे.
पुलिस अधीक्षक ,डा०अजय पाल शर्मा के साथ उनका कोतवाली मछलीशहर परिसर में सैनिक सम्मेलन मैं हिस्सा लेना था। जिसमें सभी कर्मचारियों की समस्याओं को सुना गया तथा सम्बंधित्त को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। तत्पश्चात उन्होंने थाना परिसर का निरीक्षण किया गया जिसमें आइजीआरएस व जनसुनवाई के माध्यम से प्राप्त प्रार्थना पत्रों का समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण,विवादित प्रकरणों में निरोधात्मक कार्यवाही,हिस्ट्रीशीटर व टॉप टेन सूची में शामिल अपराधियों की सतत निगरानी तथा छोटी सी छोटी घटनाओं पर गम्भीरता पूर्वक कार्यवाही करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिया थाना परिसर में भ्रमण के दौरान कार्यालय,महिला हेल्प डेस्क,साइबर हेल्प डेस्क,मेस, बैरक,मालखाना व शस्त्रागार आदि का मुआयना कियागया तथा पीआरवी के वाहनों निरीक्षण कर रिस्पांस टाइम बेहतर करने के निर्देश दिए गए एवं थाना क्षेत्र के चौकीदारों को साफा वितरण किया गया।
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घटना के संबंध में सीओ मछलीशहर गिरेंद्र सिंह का बयान आया है कि मृतक दलित किशोरी के पिता की तहरीर के आधार पर धारा 103(1), 238, 62(2), 64 बीएनएस और 3/4 पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर चारो अभियुक्तो को गिरफ्तार कर पूछ-ताछ की जा रही है।