देव दीपावली पर जगमगा उठे
घाट ,मंदिर ,घर ,आंगन
जौनपुर। शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के तौर पर मनाए जाने के पूरे जनपद से समाचार मिल रहे हैं। नगर समेत पूरे जनपद में श्रद्धालुओं ने शुक्रवार की सुबह से ही नदी तालाब और दूसरे जलाशयों पर पहुंचकर स्नान दान किया। कार्तिक पूर्णिमा का बड़ा महत्व है जहां सनातन धर्म में इसे भगवान राम के 14 वर्ष के बाद वनवास से अयोध्या वासी के रूप में किसका महत्व देखा जाता है वही सिख धर्म के पहले गुरु नानक देव की जन्म तिथि होने के कारण यह सिख धर्म अनुयायियों के लिए भी खासा महत्व रखता है।
कार्तिक पूर्णिमा पर मंदिरों में भी अभिषेक-पूजन का विशेष कार्यक्रम हुआ। कार्तिक माह में व्रत रखने वाले समेत तमाम श्रद्धालुओं ने स्नान-दान कर शाम को आदि गंगा गोमती के तट पर दीपदान किया।
कार्तिक मास के अंतिम दिवस भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना दीपदान करने के बाद सभी ने एक दूसरी को बधाई दी और मिठाइयां बांटी। कार्तिक मास, हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह चातुर्मास का आखिरी महीना होता है, भगवान विष्णु 4 माह से क्षीर सागर में शयन कर रहे होते हैं। देवउठनी एकादशी को जगत के पालनहार भगवान विष्णु को उठो देव के जयकारों के साथ जगाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार राक्षस जालंधर का वध करने के बाद भगवान विष्णु चार माह आराम करने के लिए चले जाते हैं। देवशयनी एकादशी के बाद से शुभ कार्य बंद हो जाते, लेकिन चार माह बाद देवउठनी एकादशी पर भगवान एक फिर उठते हैं
एकादशी को वर्ष भर में पड़ने वाली एकादशी तिथियों में सबसे श्रेष्ठ माना गया और कार्तिक पूर्णिमा को दीपदान कर कार्तिक माह की विदाई की जाती है। इसके लिए घर-घर में आयोजन किया जाता है। जलाशयों के अतिरिक्त घरों, मंदिरों को दीप जलाकर रोशन किया जाता है।
जनपद में पर्व का प्रमुख आयोजन खुटहन क्षेत्र गोमती नदी के तिलवारी और पिलकिछा घाट पर हुआ। जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगा कर पूण्य अर्जित किया। घाट के बगल स्थित भगवान राम, लक्ष्मण और देवी सीता व बजरंग बली के मंदिर में श्रद्धालु दर्शन पूजन किए। घाट पर बैठे याचकों को अन्नदान भी किया। अमावस्या से यहां का ऐतिहासिक साप्ताहिक मेला शुरू हो गया। जो कृषि उपकरणों और मिट्टी के बर्तनो के लिए विख्यात है।
यहां की मान्यता है प्रभु श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद वानर सेना के साथ पुष्पक विमान से वापस अयोध्या लौट रहे थे तो उनका विमान कुछ क्षणों के लिए इस घाट पर उतरा था। यहां स्वयं भगवान और उनकी सेना ने स्नान कर गोमती का पवित्र जल ग्रहण किया था। मान्यता है कि तभी से यहां कार्तिक पूर्णिमा पर दूर -दूर से श्रद्धालु आकर स्नान दान करते हैं।
इसी प्रकार नगर के सूरज घाट पर भी श्रद्धालुओं का ताता भोर से ही लग गया था। दैनिक जीवन उपयोगी सामानों कृषि यंत्रों के साथ-साथ लोगों ने खाने-पीने के सामानों की बड़ी मात्रा में खरीदारी की।
जलालपुर क्षेत्र की राज्यपुर स्थित त्रिमुहानी पर भी स्नान,दान पूजन अर्चन का सिलसिला प्रातः से ही शुरू हो गया था बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद तट पर स्थित मंदिरों में पूजन अर्चन किया।
परंपरा अनुसार श्रद्धालुओं ने सूर्यास्त के पश्चात जलाशयों पर दीपदान किया नगर में शीतला माता मंदिर चौकिया धाम और आदि गंगा गोमती के तट गोपी घाट पर इसका भव्य आयोजन हुआ देर रात तक लोग घाट पर पहुंचकर दीपदान करते हुए देखे गए।
चौकिया धाम देव दीपावली महोत्सव में
पहुंचे रवि किशन
जौनपुर।शीतला चौकियां धाम में कार्तिक पूर्णिमा तिथि शुक्रवार की शाम में आयोजित भव्य देव दीपावली महोत्सव के अवसर पर जनपद निवासी , गोरखपुर से सांसद, अभिनेता रवि किशन माता रानी के दरबार में पहुंचे और वहां दर्शन पूजन आशीर्वाद लिया। फिर कुंड पर पहुंचकर सहसा बोल पड़े कि जैसे किसी संगम स्थल पर आ गया हूं, यहां एक साथ जल रहे 51 हजार दीपकों को देख ऐसा लगता है, जैसे देवलोक में आ गया हूं। जौनपुर के एक गांव के पुजारी का बेटा हूं। सात सौ से अधिक फिल्में कर चुका हूं। सांसद व अभिनेता रवि किशन ने अपने प्रसिद्ध गीत यूपी में सब बा, जे कभो ना रहल उ अब बा… को गाकर मौजूद श्रद्धालुओं को रोमांचित कर दिया।