फर्जी दस्तावेजों के सहारे खड़े किए गए 46 काश्तकारों को हुआ था भुगतान , अब निलंबित
जौनपुर। राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण घोटाले की जांच में चार राजस्व निरीक्षकों समेत 10 कर्मचारियों को दोषी पाया गया है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषी कर्मचारियों को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं । घोटाले में चार करोड़ रुपये से ज्यादा का फर्जी भुगतान किया गया था ।
राजस्व निरीक्षकों ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे खड़े किए गए 46 काश्तकारों को घोटाले की राशि का भुगतान किया था । नियुक्ति विभाग ने निलंबित करने की कार्रवाई के लिए राजस्व विभाग को फाइल भेज दी है । जौनपुर में मडियाहूं बाईपास ( राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -135 ए ) के निर्माण के लिए बदलापुर , मडियाहूं , मछलीशहर और सदर तहसील के 14 गांवों की जमीन अधिग्रहीत की गई थी । अक्टूबर माह में घोटाले की जानकारी सामने आने पर शासन ने इसकी जांच शुरू कराई थी । जांच में सामने आया है कि सक्षम प्राधिकारी , भूमि अध्याप्ति – राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यालय की मदद से 46 काश्तकारों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें भुगतान के नियुक्ति विभाग की रिपोर्ट के अनुसार कार्यालय सक्षम प्राधिकारी भूमि अध्याप्ति जौनपुर में तैनात राजस्व निरीक्षक शिवकुमार , बृजेश सिंह , संतोष तिवारी व उदयराज को फर्जी भुगतान के लिए दोषी पाया गया है । अमीन मिलानकर्ता के पद पर तैनात अनिल मंडल , आशीष सिंह , अनिल यादव , हिमांशु शर्मा , रोबिन साहू व सौरभ मौर्या को भी दोषी पाया गया है । मामले में आगे की कार्रवाई राजस्व परिषद को करनी है । लिए 4,54,42,759 रुपये का चेक जारी किया गया था । 4,00,29,741 रुपये का भुगतान भी कर दिया गया । 54,13,018 का चेक जांच समिति ने रद कर दिया था ।