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जौनपुर : अरबों की जमीन पर करोड़ों का जुर्माना

 

पत्रकार हत्याकांड में जिस जमीन कब्जे से था कनेक्शन उस पर गरजा बुलडोजर

 

आरोपी भू माफिया पर पुलिस और प्रशासन ने कसा शिकंजा, ठोका जुर्माना और मुकदमा
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जौनपुर। शाहगंज तहसील अंतर्गत सबरहद गांव में सोमवार को प्रशासन का बुलडोजर उसे अवैध कब्जे पर गरजा जिसका कनेक्शन पत्रकार आशुतोष हत्याकांड से बताया जाता है। इस कार्यवाही में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से किए गए निर्माण को जमींदोज किया। इसके साथ-साथ आरोपियों पर एक करोड़ पांच लाख तीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। प्रशासन ने अभिलेखों में पोखरे की जमीन पर फर्जी तरीके से दर्ज कराये गए नाम को रद कर सरकारी संपत्ति घोषित किया और वहां बोर्ड भी लगवाया। कार्रवाई के पहले भारी पुलिस बल और पीएसी की मौजूदगी में अधिकारियों ने मुनादी की और डुगडुगी पिटवाई।

 

 

 

बताते चलें कि इन जमीनों को लेकर चल रहे फर्जीवाड़े के खिलाफ पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट आशुतोष श्रीवास्तव ने आवाज बुलंद की थी। बाद में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। विभिन्न समाजसेवी एवं पत्रकार संगठनो द्वारा इस हत्याकांड पर जल्द और प्रभावी कार्रवाई की मांगकी जा रही थी।

सोमवार दोपहर बाद जब सरकारी बुलडोजर, राजस्व व पुलिस के उच्चाधिकारी भारी पुलिसबल के साथ सबरहद पहुंचे तो हड़कंप मच गया। सबसे पहले कोतवाल मनोज कुमार ठाकुर ने कार्रवाई के संबंध में लाउड स्पीकर से मुनादी की और डुगडुगी भी बजवाई।

तहसीलदार आशीष कुमार सिंह ने बताया कि अराजी संख्या 922 आबादी चूना भट्ठी पर अवैध चहारदीवारी बनाकर अतिक्रमण किया गया था, जिसे ध्वस्त कराया गया। बता दें कि चूना भट्ठी पर मालिक के तौर पर उमैर शेख पुत्र शहाबुद्दीन के नाम और “प्रॉपर्टी बिकाऊ है” का बोर्ड लगा हुआ था। तहसीलदार ने बताया कि आरोपी पर एक करोड़, 5 लाख 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

सीओ अजीत सिंह चौहान ने बताया कि आरोपी उमैर शेख के खिलाफ बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। बताते हैं कि जिस सिकंदर आलम नाम के प्रॉपर्टी डीलर का आशुतोष हत्याकांड में नाम आया है, वो भी इस जमीन की खरीद फरोख्त में सम्मिलित था।

इसके अलावा तहसीलदार ने बताया कि इसी ग्राम सभा के अराजी संख्या 1816 पर फर्जी तरीके से जामियां फारुकिया सबरहद मैनुद्दीन, नबीउल्लाह के नाम से दर्ज कराया गया था, जबकि यह सरकारी अभिलेखों में पोखरे के तौर पर दर्ज था। एसडीएम के आदेश पर इसे दोबारा पोखरे के तौर पर दर्ज किया गया और भूमि प्रबंधन समिति के सुपुर्द किया गया है।

तहसीलदार आशीष कुमार सिंह ने बताया कि मामले में जिन राजस्व कर्मियों की मिलीभगत होगी, उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जायेगी।

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Author: fastblitz24

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