जागरूकता शिविर में दिए बचाव के टिप्स
जौनपुर । बुधवार को जिला महिला चिकित्सालय परिसर स्थित सभागार में सर्वाइकल कैंसर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें विशेषज्ञों ने वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों, महिलाओं और इस रोग से ग्रस्त मरीजों को इसके बचाव के टिप्स दिए और इलाज के बारे में जानकारियां साझा की।
सर्वाइकल कैंसर विश्व स्तर पर महिलाओं में चौथा सबसे आम कैंसर है। यह महिला प्रजनन अंगों में तब होता है जब गर्भाशय ग्रीवा में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। ये कोशिकाएं फिर गांठ में बदल जाती हैं और कैंसर का रूप ले लेती हैं। सर्वाइकल कैंसर रोग के लक्षणों में पेल्विक दर्द, पेट दर्द, योनि में खुजली, योनि स्राव और सर्वाइकल क्षरण प्रमुख है।
इस रोकथाम योग्य बीमारी को समाप्त करने के लिए राष्ट्रीय और वैश्विक गति को उत्प्रेरित करने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया गया है।
आंकड़ों के अनुसार पूरे विश्व में हर दो मिनट में एक महिला की सर्वाइकल कैंसर से मौत हो जाती है, हालांकि इस बीमारी को रोकने और यहां तक कि इसे खत्म करने के लिए ज्ञान और उपकरण पहले से ही मौजूद हैं। ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के खिलाफ टीकाकरण से अधिकांश मामलों को रोका जा सकता है। और, स्क्रीनिंग और उपचार के साथ मिलकर, उन्मूलन का मार्ग प्रदान करता है।
शिविर में विशेषज्ञ के तौर पर
सी.एस डॉक्टर शोभना दुबे,
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रीता दुबे, डॉक्टर शिल्पी सिंह और डॉक्टर अलका यादव ने प्रतिभाग किया।
सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग की नूडल डॉ जया राय ने शिविर में उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों, महिलाओं और मरीजों को इस कैंसर के बारे में विस्तृत जानकारी दी ।साथ ही इसकी रोकथाम और शुरुआती लक्षणों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस कैंसर का प्रमुख कारण, इसके वायरस को रोकने के लिए असुरक्षित यौन संबंध हो से बचना चाहिए। अनियमित रक्तश्राव या फिर बदबूदार पानी जाना खतरनाक हो सकता है। लिहाजा तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि इस रोग से बचाव के लिए 9 से 14 साल की उम्र की बच्चियों को वैक्सीन जरूर लगवाई जानी चाहिए। प्रौढ़ महिलाओं को चार-पांच सालों में इसकी जांच करवाते रहना चाहिए।
जिला महिला चिकित्सालय में उपलब्ध है सुविधायें
सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए जिला महिला चिकित्सालय में प्रतिदिन निशुल्क स्क्रीनिंग टेस्ट की व्यवस्था है साथ ही साथ शुरुआती कैंसर स्टेज पर इसका इलाज थर्मोएबलेटर द्वारा उपलब्ध है।