राम परिवार भक्ति के प्रचार के लिए दलित महिलाएं बनेगी जानकीचार्या।
श्रीगुरुजी के साथ अयोध्या तक पैदल यात्रा करेंगी दलित महिलाएं। रामपंथ से जुड़कर “हर घर राम का, जीवन राम के काम का” अभियान देशव्यापी होगा।
श्रीगुरुजी के नेतृत्व में दलित महिलाएं राम परिवार भक्ति आंदोलन का मोर्चा संभालेंगी।
दलित परिवार का धर्मान्तरण विश्व के सभ्य समाज के मानवाधिकारों का हनन- डॉ० राजीव श्रीगुरुजी केराकत (जौनपुर)।14 अक्टूबर। श्रीराम परिवार भक्ति आंदोलन की लहर सोनभद्र के पाटी गांव से शुरू होकर आग की तरह पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में फैल रही है। आदिवासी समाज की पहल पर सोनभद्र में रामपंथ ने भगवान श्रीराम के साथ उनके भाइयों और उनकी पत्नियों का मंदिर बनवाकर वैश्विक परिवार को बचाने की बड़ी पहल कर दी है। रामपंथ के सर्वोच्च पंथाचार्य डॉ० राजीव श्रीगुरुजी को अनवरत दलित समाज अपने बीच में बुला रहा है। केराकत के डेहरी गांव की नीतू और रीता के नेतृत्व में दलित महिलाओं की बड़ी सभा बुलाई गई। दलित समाज में इतना उत्साह था कि बड़ी संख्या में बकुलिया गांव की सीमा पर विशाल भारत संस्थान के जिला चेयरमैन नौशाद शेख के नेतृत्व में विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं रामपंथ के पंथाचार्य डॉ० राजीव श्रीगुरुजी का भव्य स्वागत किया। डेहरी गांव में पहुंचते ही दलित महिलाओं ने श्रीगुरुजी का स्वागत किया। उनकी आंखों में गजब का आत्मविश्वास था। जबरन धर्मान्तरण की शिकार हुई दलित महिलाओं को बस रामभक्ति से जुड़ने की छटपटाहट थी। जब श्रीगुरुजी ने भगवान राम परिवार की पवित्र तस्वीर दलित महिलाओं को दी तो उनकी आंखों से आंसू आ गए। दलित महिलाओं ने पूछा कि हमे अपने भगवान से इतनी दूर क्यों रखा गया। सबको भगवान के परिवार की भक्ति का संदेश दिया गया। अब दलित परिवार में भगवान राम, भगवान भरत, भगवान लक्ष्मण, भगवान शत्रुघ्न के साथ माता जानकी, माता मांडवी, माता उर्मिला, माता श्रुतकीर्ति और हनुमान जी की पूजा शुरू की जाएगी।
इस अवसर पर डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि दलित समाज हिन्दू धर्म और संस्कृति का संरक्षक रहा है। जब भी धर्म पर कोई संकट आया है तब दलित परिवारों ने अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया। भगवान राम की भक्ति के साथ उनके पूरे परिवार की भक्ति संयुक्त परिवार को बचाने वाली होगी, आपसी भरोसा बढ़ेगा। भगवान राम का संदेश जन जन तक पहुचेगा तो एक दूसरे के लिए त्याग की प्रवृत्ति बढ़ेगी। माताओं की पूजा से महिलाओं को शक्ति मिलेगी और अपने अधिकारों के लिए लड़ने में सक्षम होंगी। श्रीराम परिवार की भक्ति से परिवार और समाज ताकतवर होगा। अब राम परिवार की भक्ति का आंदोलन हर गांव में फैलेगा।
इस अवसर पर दलित चिंतक एवं सुभाषवादी नेता ज्ञान प्रकाश ने कहा कि बहुत दिन तक हमे हमारे भगवान से ही दूर रखा गया। अब दलित समाज जागरूक हो गया है। अब हमारा अभियान चला अपने राम के पास है। हम भी दीक्षा लेंगे और दर्शन करेंगे। हिन्दू धर्म का अस्तित्व ही राम से है और राम हमारे है।
विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव डॉ० अर्चना भारतवंशी ने कहा कि अब राम भक्ति के सहारे देश को जोड़ेंगे। जातियों में नफरत फैलाने वाले कामयाब नहीं होंगे।
विशाल भारत संस्थान की नेशनल कोऑर्डिनेटर आभा भारतवंशी ने कहा कि भगवान राम ने हमेशा दलित और आदिवासियों को गले से लगाया और अपनी मानवीय लीला में उनसे ही रावण का वध करवाकर शांति का संदेश दिया। 20 लाख से अधिक दलित महिलाए अपने धर्म को बचाने के लिए आगे आएंगी। रामपंथ घर घर तक भगवान के सभी भाइयो की पूजा शुरू करवाएगा।
सुभाषवादी नेता नजमा परवीन ने कहा कि सनातन धर्म पर आस्था रखने वाले सभी को भवसागर से प्रभु श्रीराम अवश्य पार कराएंगे।
इस कार्यक्रम में नौशाद शेख, संतोष कुमार, फरहान, अफरोज खान मोनी, सुभाष यादव, मो० सादिक, नीतू, रीता, नीलम, वंदना, लीलावती, मीना, कुमारी, उषा, शीला, सितारा, राधिका, फुला, वीफाई आदि लोग मौजूद रहे।