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जेएनयू में फिर लिखे मिले आपत्तिजनक नारे

प्रधानमंत्री को लेकर भी अपशब्द का इस्तेमाल, विश्वविद्यालय प्रशासन ने दीवारों-फर्श सेे नारों को मिटाया

नई दिल्ली। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के स्कूल ऑफ लैंग्वेज की दीवारों पर शनिवार रात आपत्तिजनक नारे लिखने का एक और मामला सामने आया है। प्रधानमंत्री को लेकर भी अपशब्द का इस्तेमाल किया गया है।

 रोज नए बवाल, जेएनयू का यह हाल

●जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में करीब छह महीने पहले भी इसी तरह का मामला सामने आया था, जब संस्थान की दीवारों पर जाति विशेष को लेकर आपत्तिजनक भाषा में टिप्पणी लिखी गई थी। उस दौरान भी आपत्तिजनक नारे संस्थान में स्कूल ऑफ लैंग्वेज (भाषा अध्ययन केंद्र) की दीवारों पर ही लिखे गए हैं।

● इस साल फरवरी में छत्रपति शिवाजी महाराज के पोर्ट्रेट को नुकसान पहुंचाया गया था। छात्रों के दो गुटों के बीच हिंसा भी हुई

● जनवरी 2023 में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर भी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में खूब बवाल हुआ

● नवंबर 2019 में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को खंडित कर दिया गया था। इस कारण फिर जेएनयू का नाम गलत कारणों से सुर्खियों में आया

मामले की जानकारी मिलते ही रविवार सुबह जेएनयू प्रशासन ने दीवारों और फर्श पर लिखे नारों को मिटा दिया है। इन नारों में दीवारों और फर्श पर लिखा था कि भगवा जलेगा, जीएन साईं को रिहा करो। कश्मीर को मुक्त करो।

पुलिस उपायुक्त, साउथ वेस्ट जिला, दिल्ली पुलिस मनोज सी क्या कहना है कि

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में दीवारों पर आपत्तिजनक स्लोगन लिखे जाने से संबंधित कोई भी शिकायत पुलिस को नहीं मिली है। यह जेएनयू प्रशासन का अंदरूनी मामला है, वही इसकीt जांच कर रहे हैं।

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Author: fastblitz24

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