उच्च न्यायालयों के जजों की नियुक्ति में ‘देरी’शीर्ष अदालत की चेतावनी
नई दिल्ली। उच्च न्यायालयों के जजों की नियुक्ति में ‘देरी’ पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नाराजगी जताई। जस्टिस संजय किशन कौल और सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि इस मामले की बारीकी से निगरानी करेंगे। जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि ‘आज मैं चुप हूं क्योंकि अटॉर्नी जनरल ने कम समय मांगा है, अगली बार चुप नहीं रहूंगा। बोलने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन मैं अपने आपको रोक रहा हूं।’ पीठ ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि हस्तक्षेप कीजिए। 70 सिफारिशें लंबित हैं, जिनमें से 26 न्यायाधीशों के स्थानांतरण की हैं। कुछ दोहराई गई हैं और नौ कॉलेजियम को लौटाए बिना लंबित हैं। एक मामला हिंसा प्रभावित मणिपुर हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति का है। इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने न्यायाधीशों की नियुक्ति में देरी के मुद्दे पर गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा दाखिल याचिका को भी सुनवाई के लिए संबंद्ध कर दिया है।
मंत्रालय पर अवमानना कार्रवाई की मांग
शीर्ष अदालत बेंगलुरु के एडवोकेट्स एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें 2021 के फैसले में निर्धारित समय-सीमा का कथित तौर पर पालन नहीं करने के लिए केंद्रीय कानून मंत्रालय के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग है। सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने लंबित सिफारिशों पर निर्देश लेने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा।