पटना। अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेला का आयोजन 28 सितंबर यानी गुरुवार से किया जाएगा। वहीं, अगस्त्य ऋषि के तर्पण के अगले दिन 30 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो जाएगा। पितृ पक्ष के पहले अगस्त्य ऋषि के आराधना की जाती है बाद में उनका तर्पण करने की परंपरा है।
मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितरों की शांति के लिए तर्पण किया जाता है। इस दौरान नियम संयम से रहना चाहिए। खान-पान के साथ-साथ आचार-व्यवहार में भी संयम जरूरी है। तिथि पर तर्पण किया जाता है। लेकिन जो लोग अपने पूर्वजों के नाम पर प्रतिदिन एक पखवाड़ा पूजा-तर्पण करते हैं उसका विशेष लाभ प्राप्त होता है। तर्पण के अलावा ब्रह्मणों को दान-दक्षिणा और भोजन कराना से भी पितरों को शांति मिलती हैं।


Author: fastblitz24



