विशिष्टता का बोध करने के लिए सिर्फ दो नंबर का प्रयोग कर वाहन पर चल रहा है एआरटीओ कर्मी
जौनपुर। जनपद के ए आर टी ओ कार्यालय के सामने प्रायः मौजूद रहने वाला एक चार पहिया वाहन आजकल जनचर्चा का केंद्र बना हुआ है। यह मत समझिएगा कि यह वाहन किसी विशिष्ट मॉडल, रंग या किसी खास डिजाइन की वजह से लोगों की आकर्षक की वजह बना है। बल्कि इसके नंबर प्लेट पर लिखा हुआ अंक लोगो को यह सोचने के लिए मजबूर कर रहा है कि जनता को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने व पालन करने वाले एआरटीओ विभाग ठीक आपके सामने विभागीय नियमावली का खुली आम आम मखोल उड़ाया जा रहा है। उन का कर्मचारी खुद विभागीय नियमों का खुलेआम धज्जियां उड़ा रहा है। वह जिस स्कार्पियों गाड़ी से दफ्तर आता जाता है का प्रयोग कार्यालय आने के लिए करता है उसका नम्बर मात्र दो अंक में लिखा हुआ है। मजेदार बात यह है कि यह वाहन एआरटीओं आफिस परिसर में ही पूरे दिन मौजूद रहता है। जहां अधिकारियों और दूसरे कर्मचारियों का वाहन खड़े होते हैं इसके बाद भी विभाग के उच्चाधिकारियों की नजर इस पर नही पड़ती। इसको लापरवाही कहेंगे या चिराग तले अंधेरा?
क्या यह नियम सिर्फ आम जनता के लिए ?
मोटर व्हीकल अधिनियम (नियम 50 और 51) के अनुसार, व्यक्तिगत या प्राइवेट दोपहिया वाहनों और चारपहिया जैसे हल्के मोटर वाहनों के लिए पंजीकरण वर्णमाला संख्या सफेद पृष्ठभूमि पर काले रंग में चार अंकों में होनी चाहिए. वहीं वाणिज्यिक वाहनों या कमर्शियल वाहनों के लिए, पीले रंग की पृष्ठभूमि पर काले अक्षर में लिखा होना चाहिए। दरअसल, कई लोग अपना रुतबा दिखाने के लिए कार की नंबर प्लेट पर कोई पद या जाति आदि के बाद में लिख देते हैं ।
लेकिन केंद्रीय मोटरयान नियम, 1990 के नियम 50 व 51 में नंबर प्लेट को लेकर जो नियम लिखे गए हैं उनके चलते आप गाड़ी की नंबर प्लेट से कोई भी छेड़खानी नहीं कर सकते हैं. सलाह दी जाती है कि जैसी नंबर प्लेट आरटीओ से मिलती है, वैसी ही नंबर प्लेट रखनी चाहिए।
नियम के तहत नंबर प्लेट पर प्रधान, सरपंच, किसी जाति, वर्ग के बारे में नहीं लिखा जा सकता है. यानी आप गाड़ी की नंबर प्लेट पर कभी भी ऐसे शब्द ना लिखें ।
यहां तक कि आप नंबर प्लेट पर नींबू-मिर्ची, काला कपड़ा आदि भी नहीं बांध सकते हैं. ऐसा करने पर आपको पुलिस के चालान का सामना करना पड़ सकता है.
इन नियमों का उल्लंघन होने पर मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 192 (1) के अंतर्गत दंडनीय अपराध है. ऐसे में पुलिस आप पर कार्रवाई कर सकती है.
एआरटीओ विभाग वाहन स्वामियों को यातायात नियमों का पालन कराने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाता है। उलंघन करने वालों पर जुर्माना भी ठोकता है। लेकिन यह जिम्मेदारी जिसके ऊपर वही खुलेआम नियम कानून की धज्जियां उड़ा रहा है। विभाग का एक जिम्मेदार बाबू सफेद रंग की स्कार्पियों गाड़ी से प्रतिदिन कार्यालय आता जाता है। उस गाड़ी पर आगे पीछे नम्बर प्लेट पर यूपी 32 जीडी 20 लिखा हुआ है तथा उत्तर प्रदेश सरकार का लोगो बना हुआ है।
हैरत की बात यह है कि यह दो अंक नम्बर लिखा वाला वाहन पूरे दिन कार्यालय परिसर में खड़ी रहती है इसके बाद भी अभी तक किसी भी उच्चाधिकारियों की नजर क्यो नही पड़ी। जब विभागीय अधिकारी कर्मचारी ही नियमों की ऐसी तैसी कर रहे तो जनता को क्या खाक जागरूक करेगें।