प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2005 में अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि पर आतंकी हमले की साजिश करने वाले चार आतंकियों की जमानत मंजूर कर ली है। चारों अभियुक्तों शकील अहमद, मोहम्मद नसीम, आसिफ इकबाल और डॉ इरफान को इलाहाबाद सत्र न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
हमले में शामिल चारो अभियुक्त प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में पिछले 18 वर्ष से अधिक समय से बंद हैं। आतंकियों ने सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर जमानत के लिए अर्जी दी थी। अर्जी पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति आफताब हुसैन रिजवी की खंडपीठ ने चारों अभियुक्तों को अपील लंबित रहने के दौरान जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।
मोबाइल की बरामदगी साबित नहीं हुई
अभियुक्तों की ओर से अधिवक्ता एमएस खान ने बहस में कहा कि राम जन्मभूमि स्थल पर हुए हमले में मारे गए पांच आतंकियों के पास से बरामद मोबाइल हैंडसेट के आधार पर उन्हें उक्त आतंकी हमले के मामले में अभियुक्त बनाया गया। लेकिन मोबाइल हैंडसेट की बरामदगी साबित नहीं की गई है अैर न ही घटना की प्राथमिकी में किसी मोबाइल हैंडसेट के बरामद होने का जिक्र है। ट्रायल में कुल 29 गवाह पेश किए गए, जिनमें से सिर्फ तीन गवाहों ने मोबाइल हैंडसेट बरामद होने की बात कही है। जबकि अन्य सभी बरामद सामानों का ब्यौरा दिया गया है।
सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि अपील लंबित रहते यदि जमानत अर्जी दा़िखल की जाती है तो सुनवाई के लिए उसे चार सप्ताह में बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए। अभियुक्त 18 वर्षों से अधिक समय से जेल में बंद हैं। इस स्तर पर मोबाइल बरामदगी के साक्ष्य पर विचार नहीं किया जा रहा है। इस पर अपील की सुनवाई के समय विचार होगा। कोर्ट ने चारों अभियुक्तों की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि सभी अभियुक्त अपने इलाके के थाने में हर सप्ताह हाजिरी देंगे। देश से बाहर नहीं जाएंगे और पासपोर्ट जमा करेंगे।