इलाज जौर तांत्रिक विद्याओं में आता है काम; नेपाल में तस्करी
गोरखपुर।वन्य जीवों की तस्करी करने वाले चार तस्करों को एसटीएफ ने बीती रात शाहपुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से रेड सैंड बोवा सांप (दो मुंहा सांप) बरामद किया गया। ये सांप वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित हैं। इनके जहर से दवा बनाने के अलावा तांत्रिक विद्याओं में भी इसका इस्तेमाल होता है।
पकड़े गए आरोपियों की पहचान वाराणसी के शिवपुर, इंदपुर निवासी रामाशंकर मौर्य, कैंपियरगंज के मरहठा निवासी ओमप्रकाश सिंह, आजमगढ़ के जलालपुर निवासी राजाराम और राजघाट के बसंतपुर निवासी सैफुद्दीन के रूप में हुई है।
जानकारी के मुताबिक, एसटीएफ ने विगत वर्षों में वन्यजीव अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर बड़ी संख्या में विभिन्न प्रजाति के वन्य जीवों को संरक्षित किया है। इसके अतिरिक्त अनेक प्रकरणों में प्रतिबंधित वन्य जीवों की खाल और हड्डी इत्यादि बरामद करते हुए वन्य जीव अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की गई है।
इसी क्रम में गोपनीय सूचना मिली कि चाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के अनुसूची-एक में चिह्नित रेड सैंड बोवा सांप (बोलचाल की भाषा में दो मुंहा सांप) की तस्करी गोरखपुर से नेपाल राष्ट्र को की जाने वाली है। एसटीएफ प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि सांप की तस्करी की रोकथाम के लिए अभिसूचना संकलन की जा रही थी कि सोमवार को एसटीएफ व वन विभाग व डब्लूसीसीबी की टीम ने मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में अभियुक्त रमाशंकर मौर्य ने बताया कि रेड सैंड बोवा सांप की तस्करी करने वाला एक गिरोह है, जिसका सदस्य शैलेंद्र यादव, इमरान खान और अरुण सिंह आदि हैं। इन लोगों ने ही रमाशंकर मौर्य के बैंक खाते में 20 लाख दिए और उसे गुन्टूर, चेन्नई भेजे थे। वहां पर कुछ लोग मिले जो जीप से लगभग पांच घंटे की दूरी पर अंदर जंगल में ले गए।
वहां पर उन लोगों ने एक बैग में यह बहुमूल्य रेड सैंड बोवा सांप दिया। उसे लेकर वह गोरखपुर आया था। इसके पूर्व में भी वह कई बार रेड सैंड बोवा सांप ला चुका है, लेकिन लखनऊ पहुंचते-पहुंचते सांप मर जाते थे, इसलिए इसे यहीं फेंक देता था। इस सांप का प्रयोग तंत्र-मंत्र और दवा बनाने में किया जाता है। नेपाल के रास्ते चीन तक सांप की तस्करी होती है। सांप के रख-रखाव एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए वन विभाग को सूचित कर दिया गया है।