फतेहाबाद। पुलिस हिरासत में कोमा में गए गांव नाढ़ोडी के हरपाल बिश्नोई की रोहतक पीजीआई में मौत मामले में पुलिस कर्मचारियों पर केस दर्ज करने की मांग को लेकर बिश्नोई समाज के लोग लघु सचिवालय में इक_ा हुए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और आरोप लगाया कि थर्ड डिग्री के इस्तेमाल से हरपाल की मौत हुई है। प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया कि अगर पुलिस कर्मचारियों पर मामला दर्ज नहीं होता है तो वो अपना आंदोलन जारी रखेंगे। लघु सचिवालय में गांव धांगड़, चिंदड, बड़ोपल, नाढ़ोडी, दरियापुर, फतेहाबाद सहित अनेक गांवों से बिश्नोई समाज के अलावा दूसरे समाज के लोग भी आए। सभी लोगों का आरोप है कि पुलिस ने हरपाल को अमानवीय यातनाएं दी है जिस कारण हरपाल की मौत हुई है। तीसरे दिन भी परिवार ने हरपाल का शव नहीं लिया है। उन्होंने कह दिया है कि जब तक पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ मामला नहीं होगा तब तक वो धरना रोहतक अस्पताल में जारी रखेंगे। बिश्नोई समाज के लोगों ने कहा कि जन्माष्टमी पर हिसार में कार्यक्रम होने वाला है। जिसमें मुख्यातिथि मुख्यमंत्री है। अगर तब तक मामला नहीं सुलझता है तो वहां पर भी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
यह था मामला
दो जुलाई को गांव नाढ़ोडी निवासी हरपाल को एंटी नारकोटिक्स सैल हिसार की टीम ने अफीम की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस कस्टडी में हरपाल की हालत खराब हो गई और उसे रोहतक पीजीआई में भर्ती करवाया गया, जहां उसकी 31 अगस्त को मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने थर्ड डिग्री दी और पानी में भी डुबोया। जिससे वह कोमा में चला गया और उसकी मौत हो गई।