उड़ते विमान में ‘फरिश्ता’ बन बचाई मासूम की जान
नई दिल्ली। धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सकों ने आसमान में आसमान में भी अपना करिश्मा कायम रखा। उड़ते विमान में अपना हुनर दिखाकर एक मासूम बच्ची को मौत के चंगुल से बचा लाये और उसे नया जीवन दिया हजारों फीट की ऊंचाई पर फरिश्ता बने डॉक्टरों के चमत्कार के बारे में जानकर हर कोई हैरान है। रविवार को बेंगलुरु से दिल्ली आ रही फ्लाइट में दो साल की बच्ची की सांसें अचानक थम गईं। सियानोटिक बीमारी से पीड़ित बच्ची की हालत देखकर मां का कलेजा फटा जा रहा था। उसकी गुहार पर विमान में सवार एम्स के पांच डॉक्टरों ने बच्ची को नया जीवन दिया।
इन्होंने फूंकी जान
दिल्ली आ रहे हवाई जहाज में जिन डॉक्टरों ने बच्ची का इलाज किया, उनमें डॉ. नवदीप कौर (एनेस्थीसिया), डॉ. दमनदीप सिंह (कार्डियक रेडियोलॉजी), डॉ. ऋषभ जैन (एम्स रेडियोलॉजी), डॉ. ओइशिका (ओबीजी) और डॉ. अविचला टैक्सक (कार्डिएक रेडियोलॉजी) शामिल हैं।
इसे संयोग ही कहेंगे कि 27 अगस्त की रात एम्स के पांच सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों का समूह जिस विमान से बेंगलुरु से दिल्ली लौट रहा था। इसी फ्लाइट में बच्ची भी थी। अचानक उसकी तबीयत बिगड़ने लगी और वह बेहोश हो गई। आनन-फानन में विमान को नागपुर डायवर्ट किया गया और एम्स के पांच डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया और उसे बचा लिया। नागपुर पहुंचते ही बच्ची को अस्पताल पहुंचाया गया।
ऐसे किया चिकित्सा उपकरणों का इंतजार
डॉक्टरों ने ट्रे को बच्ची के लिए बिस्तर बनाया। फ्लाइट में मौजूद ऑक्सीजन मास्क को बच्ची के लिए काटकर छोटा किया गया। डॉक्टर दमनदीप सिंह ने बताया, बच्ची की पल्स गायब थी, वह सांस नहीं ले पा रही थी। डॉ. नवदीप कौर ने उसका सीपीआर शुरू किया गया। डॉक्टरों की मेहनत रंग लाई और नब्ज चलने लगी।
डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची सायनोटिक हार्ट डिजीज से पीड़ित थी। यह जन्म से होती है। इसमें रक्त में ऑक्सीजन का स्तर काफी कम हो जाता है।