पिंक आई संक्रमण के बाद गलत दवाओं का साइड इफेक्ट दिखने लगा है। पिछले 10 दिनों में सैकड़ों लोग आंखों में गंभीर संक्रमण, कम दिखाई देने अथवा नहीं दिखाई देने औरदर्द की शिकायत लेकर जिला अस्पताल , प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और निजी क्लिनिकों में पहुंच रहे हैं।
नेत्र चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि अपने से या दवा दुकानदारों से दवा लेकर डालने से आंखों की स्थिति खराब हुई है। आमतौर में इन दवाओं में स्टेरॉयड होने से दर्द से तो जल्द आराम होता था लेकिन इसका ओवरडोज अब आंखों की रोशनी जाने का कारण बन रहा है। वहीं शशि मोहनका ने बताया कि स्टेरॉयड का सेवन करने से कई लोगों की आखों में अल्सर अथवा घाव, जैसे कॉर्निया अल्सर हो जाती है। इससे कॉर्निया क्षतिग्रस्त तक हो जाता है।
लिहाजा आंखों में कोई भी समस्या हो तो अपने से अथवा दवा दुकानदारों की सलाह पर कोई भी दवा ना डालें। एक बार विशेषज्ञ नेत्र चिकित्सकों से सलाह जरूर ले लें। ग्रामीण इलाके में सभी बीमारियों में एक ही तरह की दवा दुकानदारों द्वारा दे दी जाती है। हर दवा का एक अलग डोज और कार्य होता है। अत अपने से दवा लेने पर आंखों की रोशनी तक जा सकती है।
पहले पैरा के बाद लगाना है
कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) आंखों की बीमारी है जिसे हम पिंक आई के नाम से भी जानते हैं। पिंक आई या आंख आने की समस्या होने पर आंख में रेडनेस, पेन और सूजन जैसे लक्षण नजर आते हैं। कंजंक्टिवाइटिस की बीमारी तब होती है जब आंख का एक भाग जिसे हम कंजंक्टिवा (Conjunctiva) बोलते हैं उसमें एलर्जी या संक्रमण हो जाता है जिसके कारण सूजन आ जाती है। कंजंक्टिवा एक पतली टिशू होती है जिसका काम आंख के सफेद भाग को बाहरी सतह और पलकों को अंदर से कवर करना होता है। आंख आने की समस्या एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है इसलिए आपको विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।