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बाढ़ और सूखे के खिलाफ संयुक्त जंग: बिहार में गंगा व गंडक 170 किलोमीटर चैनल निर्माण कर जोड़ी जाएंगी

पटना। गंगा और गंडक नदी 170 किलोमीटर लंबे चैनल का निर्माण कर आपस में जोड़ी जाएंगी। अगले 15 माह में निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है। जल संसाधन विभाग ने इसके लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार कर ली है। टेंडर की प्रारंभिक प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। गोपालगंज, सीवान और सारण होकर गुजरने वाले इस चैनल और उससे जुड़े अन्य निर्माण पर 70 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पूरी राशि राज्य योजना से खर्च की जाएगी।

इन जिलों के लोग होंगे लाभान्वित

नदी जोड़ योजना से गोपालगंज जिले के गोपालगंज, मांझा, बरौली, सीवान के बड़हरिया, गोरियाकोठी, महराजगंज, दरौंदा, भगवानपुर हाट वसारण जिले के लहलादपुर, बनियापुर, मढ़ौरा, नगरा, खैरा, गरखा, दरियापुर, दिघवारा, सोनपुर प्रखंडों के निवासी लाभान्वित होंगे। आसपास के लोगों को भी अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा।

इस योजना से न केवल बाढ़ की समस्या से राहत मिलेगी बल्कि अकाली नाला नदी फिर से जीवित भी हो जाएगी। खासकर पश्चिमोत्तर बिहार के लिए यह योजना वरदान साबित होगी। यही नहीं इन क्षेत्रों में भूजल स्तर में सुधार तो होगा ही और पर्यावरण संतुलन के लिहाज से भी एक महत्त्वपूर्ण योजना साबित होगी।

जुड़वा समस्या का यह है हल

इस योजना से न केवल बाढ़ की समस्या से राहत मिलेगी बल्कि अकाली नाला नदी फिर से जीवित भी हो जाएगी। खासकर पश्चिमोत्तर बिहार के लिए यह योजना वरदान साबित होगी। यही नहीं इन क्षेत्रों में भूजल स्तर में सुधार तो होगा ही और पर्यावरण संतुलन के लिहाज से भी एक महत्त्वपूर्ण योजना साबित होगी।
गंडक में काफी पहले पानी आता है। जून में ही नदी में जबरदस्त पानी का प्रवाह होता है। उस समय गंगा में कम पानी होता है। ऐसे में गंडक नदी का पानी चैनल के माध्यम से वैकल्पिक रास्ता होकर सारण में गंगा में मिलेगा। उस समय गंगा नदी लगभग खाली रहती है। इससे गंडक का पानी आसानी से यहां आ जाएगा और गंडक से गोपालगंज, सीवान में बाढ़ नहीं आएगी। इसके अलावा लुप्त हो चुकी अकाली नाला (छाड़ी) नदी को भी पर्याप्त पानी मिल सकेगा।”

इस योजना में गोपालगंज के हीरापाकड़ के पास गंडक नदी से सीवान होते हुए सारण के हासिलपुर के पास गंगा नदी तक 170 किलोमीटर लंबे लिंक चैनल का निर्माण होगा। सारण तटबंध के 139.59 वें किलोमीटर पर 4 भेंट वाले एंटी फ्लड स्लूईस का निर्माण अलग से किया जाएगा। यह जलस्तर नियंत्रण के लिए काफी उपयोगी होगा। निर्माण कार्य अक्टूबर 2024 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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Author: fastblitz24

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