जौनपुर। दीवानी न्यायालय अधिवक्ता संघ के समर्थन में कलेक्ट्रेट अधिवक्ता समिति बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय से लेकर अन्य अदालतों को बंद कराया गया। समिति के पदाधिकारियों का मानना है कि अधिवक्ता अधिवक्ता होता है चाहे वह दीवानी का हो या तहसील का। ज्ञात हो कि सिटी मजिस्ट्रेट देवेन्द्र प्रताप सिंह के विधि विरूद्ध कार्य की निंदा की गयी थी और कई प्रस्ताव पारित किया गया था। सिटी मजिस्ट्रेट के द्वारा दीवानी के अधिवक्ता को जेल भेजने से दीवानी न्यायालय के अधिवक्तागण आंदोलनरत हैं।
पिछले दो दिन से चल रहा धरना-प्रदर्शन अब जिले के तहसीलों में भी शुरू हो गया है। कलेक्ट्रेट अधिवक्ता समिति के अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों ने दीवानी न्यायालय अधिवक्ता संघ के समर्थन में अदालतों को बंद और कार्य बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया है।