जौनपुर। पिछले 15 दिनों से शहर में वायरल फ्लू ने फिर दस्तक दे दी है। बच्चों के अलावा बड़ों को सर्दी, खांसी व बुखार के साथ वायरल फ्लू जकड़ रहा है। इंफ्लूएंजा वायरल हर तीसरे साल अपना प्रकोप दिखाता है। इस वजह से वर्तमान में चिकित्सकों के पास ओपीडी में वायरल फीवर के मरीज दिख रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार, वायरल फ्लू होने पर व्यक्ति को पांच दिन तक खुद को परिवार के अन्य सदस्यों से दूर रखना चाहिए। वायरल एक व्यक्ति से दूसरे को फैलता है। इस वजह परिवार में किसी एक को होने पर दूसरों को भी होने की आशंका रहती है। सामान्य रूप इस फ्लू में बुखार 100 से 103 डिग्री तक पहुंचता है।
ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है, ऐसी स्थिति में चिकित्सक की सलाह से लक्षण आधारित उपचार लेना चाहिए। वायरल व मलेरिया या डेंगू के अंतर को लोगों को समझना चाहिए। वायरल फ्लू में सर्दी खांसी व बुखार होता है। वहीं मलेरिया में बदनदर्द होता है और जी मचलाता है। वायरल फ्लू से बचने के जिए कोविड की तरह मास्क भी लगाया जा सकता है। कई बार सर्दी व खांसी में वायरस हाथों से पहुंचकर अन्य संपर्क में आने वालों तक पहुंचते हैं। इससे भी संक्रमण बढ़ता है। ऐसे में नियमित हाथ धोना जरूरी है। वर्तमान में इस तरह की बीमारी से बचाव के लिए इंफ्लूएंजा वैक्सीन या फ्लू वैक्सीन बाजार में उपलब्ध है। ये वैक्सीन सभी उम्र के लोगों को लगाई जाती है। जिन लोगों को डायबिटीज या को मोर्बिडिटी की समस्या है वो इस तरह का टीका जरूर लगवाएं।