हिंसा लगातार चार दिन से चल रहा था तोड़फोड़ अभियान, 753 मकान -दुकान और अन्य अवैध निर्माण ढहाए गए
नूंह की हिंसा के बाद चल रही बुलडोजर की कार्रवाई पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को रोक लगा दी। हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया ने मामले में स्वत संज्ञान लिया और रोक के आदेश दिए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर नूंह जिले में गुरुवार से लगातार अवैध निर्माण तोड़े जा रहे थे।
हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मिलते ही नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने अधिकारियों को तोड़फोड़ की कार्रवाई से रोक दिया। सोमवार को कोई अवैध निर्माण नहीं तोड़े गए। नूंह में लगातार चार दिनों से पुलिस और प्रशासन की टीमें कार्रवाई कर रही थीं। इस दौरान 753 से ज्यादा घर-दुकान, शोरूम, झुग्गियां और होटल गिराए गए। साथ ही करीब 57.5 एकड़ भूमि से अवैघ कब्जा हटाया गया। इसमें तावडू में रोहिंग्या शरणार्थियों के करीब 250 झुग्गियां भी शामिल हैं। प्रशासन के अनुसार, जिनके यहां तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई, वह सब 31 जुलाई को हुई नूंह की हिंसा में शामिल थे। ध्वस्त किए गए कई मकानों और होटल से से बृज मंडल यात्रा के दौरान पथराव किया गया था। रविवार को एक तीन मंजिला होटल पर भी बुलडोजर चला दिया गया। प्रशासन का दावा है कि होटल से पथराव की जानकारी होने के बावजूद होटल संचालक ने हमला रोकने का प्रयास नहीं किया। दूसरी ओर, कार्रवाई का विरोध भी हो रहा है। इस बीच, मंगलवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल नूंह का दौरा करेगा।